आदरणीय काव्य-रसिको !
सादर अभिवादन !!
’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पैंतीसवाँ आयोजन है.
इस बार का छंद है - शक्ति छंद
आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ -
23 जुलाई 2022 दिन शनिवार से 24 जुलाई 2022 दिन रविवार तक
हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.
केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं.
चित्र अंर्तजाल के माध्यम से
शक्ति छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक ...
जैसा कि विदित है, कई-एक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.
********************************************************
आयोजन सम्बन्धी नोट :
फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो
23 जुलाई 2022 दिन शनिवार से 24 जुलाई 2022 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.
अति आवश्यक सूचना :
छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...
विशेष : यदि आप अभी तक www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.
मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम
Tags:
Replies are closed for this discussion.
आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्र पर रचे छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर
शक्ति छंद
-----------
पड़ी आज बारिश उड़ाये छता।
सखे पांच कैसे बचाये छता।
नही बिजलियों बादलों से डरे।
हँसें सब सखे शोखियों से भरे।
सभी हाथ थामे चले प्यार से।
बचाते सभी को जलद धार से।
नहीं साथ छोड़ा किसी ने ज़रा।
सबक एकता का दिया है खरा।
- दयाराम मेठानी.
(मौलिक एवं अप्रकाशित)
बहुत है बधाई, बधाई बहुत
रचा आपने छंद भाई बहुत
मगर आपसे प्रश्न है व्यर्थ क्या
बताएँ छता का भला अर्थ क्या
सादर धन्यवाद, आदरणीय दयाराम जी
आदरणीय सौरभ पाण्डे जी, टिप्पणी कर प्रोत्साहन देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। छता का अर्थ छाता ही मान कर लिखा है। सादर।
:-))))
जय-जय
प्रदत्त चित्र पर सुन्दर छंद रचना। बधाई आदरणीय
आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्रानुरूप सुन्दर छन्द हुए हैं। हार्दिक बधाई।
आदरणीय दयाराम मेठानी जी सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करते सुन्दर शक्ति छंद रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर.
शक्ति छंद
बधाई बधाई बधाई कहूँ
सहज छंद रचना पढूँ, क्या बहूँ !
परिश्रम कठिन, साधना स्तुत्य है
सभी मुग्ध हैं, यह सुगढ़ कृत्य है
आदरणीया प्रतिभाजी, आपका श्रमसाध्य प्रयास बार-बार चकित करता है.
बधाई स्वीकार करें
सादर
उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी
आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर छंद हुए हैं चित्र को साकार करते हुए। हार्दिक बधाई।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2025 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |