For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लेती है इम्तिहान ये उल्फ़त कभी कभी

221 2121 1221 212

लेती है इम्तिहान ये उल्फ़त कभी. कभी ।
लगती है राहे इश्क़ में तुहमत कभी कभी ।।

आती है उसके दर से हिदायत कभी कभी ।
होती खुदा की हम पे है रहमत कभी कभी ।।

चहरे को देखना है तो नजरें बनाये रख ।
होती है बेनक़ाब सियासत कभी कभी ।।

यूँ ही नहीं हुआ है वो बेशर्म दोस्तों ।
बिकती है अच्छे दाम पे गैरत कभी कभी ।।

मुझ पर सितम से पहले ऐ क़ातिल तू सोच ले ।
देती सजा ए मौत है कुदरत कभी कभी ।।

इज़हारे इश्क़ मैं ही किये जा रहा हूँ यार ।
कुछ तो उठाएं आप भी ज़हमत कभी कभी ।।

आसां नहीं है मैक़दे को भूलना सनम ।
देती सकून रिन्द की सुहबत कभी कभी ।।

उसने बुला लिया है तो मर्जी खुदा की है ।
किस्मत से मिलती यार की कुर्बत कभी कभी ।।

जुगनू की तर्ह जश्न मनाना मेरे हबीब ।
जब आये जिंदगी में वो जुल्मत कभी कभी ।।

कैसे ग़ज़ल कहूं मैं यहाँ मुश्किलात में ।
मिलती है आजकल मुझे मुहलत कभी कभी।।

कब तक कहेंगे आप मियां शाम को सहर ।
सच के लिए भी कीजिये हिम्मत कभी कभी ।।

-- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 370

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on August 15, 2019 at 8:14pm

आ0 प्रतिभा पांडेय जी ग़ज़ल तक आने के लिए तहेदिल से बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on August 15, 2019 at 8:13pm

आ0 लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर साहब तहेदिल से बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Pratibha Pandey on August 15, 2019 at 5:50pm

प्रणाम त्रिपाठी जी शानदार ग़ज़ल के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 15, 2019 at 5:38am

आ. भाई नवीन जी, अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Friday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service