For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पद प्रक्षालन - लघुकथा -

"माई,  अपने घर में एक मोटी  पुस्तक  थी।  रामायण । उसमें से  तूने एक प्रसंग सुनाया था  कि एक केवट था जो राम चंद्र जी को नाव में इसलिये नहीं बिठा रहा था कि उनके पैरों की धूल से उसकी नाव कहीं सुंदर स्त्री ना बन जाय अतः वह उनके पैर पखारने के बाद ही नाव में बैठाने की शर्त रखा था।"

"हाँ बेटा, रामायण में लिखा तो यही है। क्योंकि भगवान राम की चरण रज़ से एक पत्थर की शिला स्त्री बन गयी थी।"

"क्या सचमुच ऐसा संभव हुआ था?"

"हुआ तो ऐसा ही था मगर वह तो एक श्राप के कारण हुआ था।"

"कैसा श्राप माई?"

"देवी अहिल्या को उनके पति ने उनके चरित्र पर शक़ के कारण स्त्री से पत्थर बना दिया था। उसका उद्धार भगवान राम जी की चरण रज से ही होना था"

"तो क्या यह बात उस केवट को पता नहीं थी?"

"पता थी तभी तो उस बात का वह लाभ लेना चाह रहा था?"

"कैसा लाभ माई?"

"श्री राम चंद्र जी के पैर पखारने का तो मात्र बहाना था| केवट की वास्तविक इच्छा तो भगवान राम के चरण स्पर्श करने की थी, जिससे उसके समस्त पाप धुल जांय।"

"यानी कि यह पैर पखारने की राजनीति आदि काल से प्रचलित है।"

"क्या मतलब है तेरा?"

"छोड़ ना माई, तू नहीं समझ पायेगी यह नौटंकी।"

 मौलिक, अप्रकाशित एवम अप्रसारित

Views: 773

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on April 10, 2019 at 6:24pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीलम उपाध्याय जी।

Comment by Neelam Upadhyaya on April 10, 2019 at 3:55pm

बेहतरीन रचना की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय तेज वीर सिंह जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 9, 2019 at 5:49pm

हार्दिक आभार आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी। लघुकथा पर आने और उसे अपना समर्थन देने हेतु शुक्रिया।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 9, 2019 at 5:47pm

हार्दिक आभार आदरणीय सलीम रज़ा रीवा जी। आपकी विस्तृत टिप्पणी मेरे लिये बेहद उत्साह जनक है।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 9, 2019 at 5:44pm

हार्दिक आभार आदरणीय बबिता गुप्ता जी।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 9, 2019 at 9:18am

वाह जी वाह आदरणीय लघुकथा के माध्यम से अच्छा कटाक्ष किया है..

Comment by SALIM RAZA REWA on April 8, 2019 at 11:17pm

वाह वाह अदरणीय तेज वीर सिंह जी 

यानी कि यह पैर पखारने की राजनीति आदि काल से प्रचलित है।"

"क्या मतलब है तेरा?"

"छोड़ ना माई, तू नहीं समझ पायेगी यह नौटंकी।"

मुबारकबाद 

Comment by babitagupta on April 8, 2019 at 11:12pm

आखिर नीतियां, रणनीतियां, राजनीतिक दांव-पेंच सबकुछ युग दर युग हस्तांतरित होते आए हैं ।बेहतरीन रचना के लिए बधाई स्वीकार कीजिएगा आदरणीय तेजवोर सरजी ।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 8, 2019 at 6:19pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी।

Comment by Nita Kasar on April 8, 2019 at 3:37pm

रामायण पर आधारित प्रसंग को राजनीति से जोड़कर सुंदर कथा का रूप दिया है।शीर्षक भी कथा के साथ उपयुक्त है बधाई आपको आद० तेजवीर सिंह जी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
15 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
15 minutes ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service