२१२२/२१२२/२१२२/२१२
अब न केवल प्यार की ही दुख बयानी है गजल
भूख गुरबत जुल्म की भी अब कहानी है गजल।१।
कल तलक लगती रही जो बस गुलाबों का बदन
अब पलाशों की उफनती धुर जवानी है गजल।२।
वो जमाना और था जब जुल्फ लब की थी कथा
माँ पिता के प्यार की भी अब निशानी है गजल।३।
पंछियों की चहचहाहट फूल की मुस्कान भी
गीत गाती एक नदी की ज्यों रवानी है गजल।४।
पास जिनके यार खुशियाँ कर ही लेंगे सब्र वो
सबसे पहले गमजदा को यूँ सुनानी है गजल।५।
आज तक जो है कहा कमतर नहीं यारो मगर
इससे बेहतर और भी इक यार आनी है गजल।६।
साथ आदम के रची लय यार इसकी ईश ने
प्रश्न तू अब पूछ मत कितनी पुरानी है गजल।७।
मौलिक-अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
Comment
आदरणीय लक्ष्मण धामी साहब, आदाब. बहुत ख़ूब, उम्दा ग़ज़ल कहने के लिए दिल से दाद क़ुबूल करें. बाक़ी गुणी जन अपनी राय देंगे. तीसरे शेर में 'जुल्फ लब' को जुल्फो लब किया जा सकता है. 'सबसे पहले गमजदा को यूँ सुनानी है गजल' को 'ग़मज़दा हैं जो उन्हें पहले सुनानी है ग़ज़ल' किया जा है
सादर
आ. भाई आरिफ जी, सादर अभिवादन । उपस्थिति, उत्साहवर्धन और नेक सलाह के लिए सादर आभार ।
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आदाब,
बहुत ही सशक्त ग़ज़ल । हर शे'र माकूल । दिली मुबारकबाद क़ुबूल करें ।
गजल/ग़ज़ल,गुरबत/ग़ुरबत , जमाना/ज़माना जुल्म/ज़ुल्म आदि देखिएगा ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online