For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नजर से वार करूँ या जुबाँ से बात करूँ

मापनी :-
1212-1122-1212-112

शुरू कहाँ से करूँ ओऱ कहाँ से बात करूँ।।
नजर से वार करूँ या जुबाँ से बात करूँ।।

मुझे तो इतना तज्ज्रिबा नहीं मुहब्बत की।
फ़िसल वो जाएं शुरू मैं जहां से बात करूँ।।

कोई हसीन सा किरदार जिंदगी से जुड़े।
यही है चाह की उल्फत की हाँ से बात करूँ ।।

समझ समझ के समझ को समझ न पाए हमीं।
की किससे कौन अदा से जुबाँ से बात करुं।।

मेरे हबीब मेरे रब मेरी अना में अभी।
है इतनी चाह जमीं आसमाँ से बात करूँ।।


आमोद बिंदौरी
मौलिक/ अप्रकाशित

Views: 390

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by amod shrivastav (bindouri) on February 14, 2018 at 8:55am

आ तस्दीक साहब आप को नमन , सर मेरी जानकारी जहाँ तक है । गजल लहजे का दूसरा नाम है । शेर रफ्त की जो बात आप ने कही  , मैं न नही कह रहा ।पर मै अपने लहजे में लिखता हूँ । अपने भाव अंदाज में, हाँ अगर कोई दोश हो तो आप जरूर अवगत कराये , मैं आप के मार्गदर्शन की प्यास रखता हूँ । और उसके लिए आप का आभार भी व्यक्त करता हूँ ।

तज्रिबा टंकण त्रुटि थी क्षमा चाहते हैं ....नमन

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 13, 2018 at 9:56am

आ. भाई आमोद जी प्रयास के लिए बधाई । भाई तस्दीक अहमद जी की सलाह पर भी गौर कीजिए ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on February 11, 2018 at 4:49pm

जनाब आमोद साहिब , ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है ,ग़ज़ल महनत चाहती है ,कोशिश बार बार कीजिये ,फिर रब्त क़ायम होने पर मिसरे को चुनिए ।

सही शब्द तज रि बा -है और  नज़र से वार दुश्मन करता है । ज़्यादा तर मिसरों में रब्त की कमी है  ।शेर में बदलाव करके लिख रहा हूँ ,उनपर गौर करें। शेर1--नज़र से बात करूं या ज़ुबाँ से बात करूं--शुरुए इश्क़ है मैं अब कहाँ से बात करूं।  

शेर2--मुझे तो तज रि बा इतना नहीं महब्बत का -वो जाएं जाएं फिसल मैं जहां से बात करूं ।

शेर3--इसे मक़्ता करलें । कोई तो हो मेरा आमोद इस ज़माने में--मैं जिस अज़ीज़ से जाने जहां की बात करें।

शेर4--मेरी समझ मे ही आती नहीं है बात मेरी --यहां से बात करूं या वहां से बात करूं।

शेर5--हवा में उड़ना भी आया नहीं मुझे अबतक--मैं किस तरह से भला आसमां की बात करूं।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहो *** मित्र ढूँढता कौन  है, मौसम  के अनुरूप हर मौसम में चाहिए, इस जीवन को धूप।। *…"
15 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
23 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
23 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
yesterday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहा सप्तक. . . . . मित्र जग में सच्चे मित्र की, नहीं रही पहचान ।कदम -कदम विश्वास का ,होता है…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"गीत••••• आया मौसम दोस्ती का ! वसंत ने आह्वान किया तो प्रकृति ने श्रृंगार…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आया मौसम दोस्ती का होती है ज्यों दिवाली पर  श्री राम जी के आने की खुशी में  घरों की…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service