For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

राखी पर्व पर् कुण्डलिया

कच्चे धागे से जुड़ा, राखी का त्यौहार
मिले बहन जब भ्रात से, बरसे स्नेह अपार
बरसे स्नेह अपार, बहन जब बाँधे राखी
जगता सात्विक भाव, उड़े मन जैसे पाखी
रेशम की यह डोर, पहनते बूढ़े बच्चे
रिश्ते बने प्रगाढ़, भले हों धाँगे कच्चे

आये सावन मास में, रक्षाबंधन पर्व
बहना दे शुभकामना, भाई करता गर्व
भाई करता गर्व, बहन जो घर पर आती
हर बहना ऱक्षार्थ, वचन भाई से पाती
रहे बहन सुरक्षित, पर्व सबको बतलाये
बहे नेह की धार, यहाँ जब सावन आये

राखी के इस पर्व पर, मेरा एक सुझाव
राखीं बाँधे पेड़ को, जोड़ें स्नेह लगाव
जोड़ें स्नेह लगाव, बचायें अपनी धरती
जगह जगह हो पेड़, न भू हो बंजर परती
नगर नगर या गाँव, बने वसुंधरा साखी
करें जगत हित काम, अमर हो अपनी राखी

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 592

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on August 10, 2017 at 3:32pm
आद0 समर साहब सादर प्रणाम, आपके अनुमोदन पाकर रचना पर जो आत्मसन्तोष मिलता है उसे बयान नही कर सकता। हृदय तल से आभार आपका
Comment by Samar kabeer on August 8, 2017 at 7:00pm
जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,रक्षा बंधन पर बहुत उत्तम कुण्डलिया छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
Comment by नाथ सोनांचली on August 8, 2017 at 4:41pm
आद0 मोहम्मद आरिफ जी सादर अभिवादन, आपकी प्रतिक्रिया हमे एक नई ऊर्जा देती है। यूँही स्नेह बनाये रखें। सादर आभार
Comment by नाथ सोनांचली on August 8, 2017 at 3:58pm
आद0 विजय निकोर जी सादर अभिवादन, रचना को पसंद करने और उत्साह बढ़ाने के लिए सादर आभार।
Comment by Mohammed Arif on August 8, 2017 at 10:46am
राखी के इस पर्व पर, मेरा एक सुझाव
राखीं बाँधे पेड़ को, जोड़ें स्नेह लगाव
जोड़ें स्नेह लगाव, बचायें अपनी धरती
जगह जगह हो पेड़, न भू हो बंजर परती
नगर नगर या गाँव, बने वसुंधरा साखी
करें जगत हित काम, अमर हो अपनी राखी बहुत ही बढ़िया सुझाव है अपने पर्यावरण को बचाने का । बहुत ही बेहतरीन कुंडली । हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी ।
Comment by vijay nikore on August 7, 2017 at 9:08pm

//आये सावन मास में, रक्षाबंधन पर्व
बहना दे शुभकामना, भाई करता गर्व
भाई करता गर्व, बहन जो घर पर आती
हर बहना ऱक्षार्थ, वचन भाई से पाती
रहे बहन सुरक्षित, पर्व सबको बतलाये
बहे नेह की धार, यहाँ जब सावन आये//......

आनन्द आ गया । हार्दिक बधाई, आदरणीय सुरेन्द्र जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
6 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service