For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुण्डलिया छंद -- (अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस पर विशेष)

1-
उत्पादन को चाहिए, पाँच प्रमुख जो तत्व।
उनमें श्रम का मानिए, सबसे अधिक महत्व।।
सबसे अधिक महत्व, भूमि श्रम साहस पूँजी।
और संगठन खास, बात मैं खरी कहूँ जी।।
श्रमिक दिवस पर आज, करें उनका अभिनंदन।
करता देश विकास, तभी जब हो उत्पादन।।
2-
रोटी की खातिर खटे, श्रम साधक मजदूर।
सुख सुविधाओं से परे, रहता जो मजबूर।।
रहता जो मजबूर, और भूखा सो जाता।
उसके श्रम का मोल,नहीं उसको मिल पाता।।
श्रम के भी कानून, मगर नीयत है खोटी।
इस कारण भरपेट, न उसको मिलती रोटी।।
(मौलिक व अप्रकाशित)
***हरिओम श्रीवास्तव***

Views: 716

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रामबली गुप्ता on May 4, 2017 at 5:25am
दोनों ही कुंडलिया बहुत सुंदर और शिल्पबद्ध हुई हैं आद0 भाई हरिओम जी। दिल से बधाई लीजिये।
Comment by Hariom Shrivastava on May 2, 2017 at 4:11pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु तहेदिल से शुक्रिया।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 2, 2017 at 12:25pm

आदरनीय हरि ओम भाई , बहुत अच्छी कुँडलिया रचना हुई है ..  रचनाओं के लिये आपको हार्दिक बधाइयाँ ।

Comment by Hariom Shrivastava on May 1, 2017 at 11:33pm
आदरणीय समर कबीर जी, आपकी उपस्थिति व सराहनीय प्रतिक्रिया से सृजन सार्थक हुआ। इस हौसलाअफजाई हेतु हार्दिक आभार।
Comment by Hariom Shrivastava on May 1, 2017 at 11:30pm
आदरणीय सुशील सारना जी आपकी उपस्थिति व सराहनीय प्रतिक्रिया से हौसलाअफजाई हुई। तहेदिल से आपका शुक्रिया।
Comment by Sushil Sarna on May 1, 2017 at 7:01pm

आदरणीय हरिओम जी मज़दूर दिवस पर बहुत ही सुंदर और सार्थक कुण्डलिया का सृजन हुआ है।  हार्दिक बधाई स्वीकार करें सर। 

Comment by Samar kabeer on May 1, 2017 at 6:36pm
जनाब हरिओम श्रीवास्तव जी आदाब,मज़दूर दिवस पर बढ़िया कुण्डलिया छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Samar kabeer on May 1, 2017 at 6:36pm
जनाब हरिओम श्रीवास्तव जी आदाब,मज़दूर दिवस पर बढ़िया कुण्डलिया छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।हार्दिक बधाई। भाई रामबली जी का कथन उचित है।…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय रामबली जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । बात  आपकी सही है रिद्म में…"
Tuesday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"बड़े ही सुंदर दोहे हुए हैं भाई जी लेकिन चावल और भात दोनों एक ही बात है। सम्भव हो तो भात की जगह दाल…"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई लक्ष्मण धामी जी"
Monday
रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"हार्दिक आभार भाई चेतन प्रकाश जी"
Monday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय, सुशील सरना जी,नमस्कार, पहली बार आपकी पोस्ट किसी ओ. बी. ओ. के किसी आयोजन में दृष्टिगोचर हुई।…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार "
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आदरणीय रामबली जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168
"रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना ।सदा सत्य के साथ , राह  पर …"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service