For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बिटिया की ग़ज़ल ,,मनोज अहसास,,,

ज़रा सा मुस्कुरा दो तो बड़ी हो जाओगी बिटिया
तुम्हीं जुगनू,तुम्हीं खुशबू, तुम्हीं हो चाँदनी बिटिया

किताबें कितनी सुन्दर हैं कहीं चंदा,कहीं तारे
लो अपने बस्ते में भर लो ये सारी रौशनी बिटिया

सुबह उठकर चली जाती हो जैसे रोज़ पढ़ने तुम
किसी दिन बच्चों को तुम भी पढाओगी मेरी बिटिया

चलो आओ चलें पढ़ने नए कुछ खेल भी खेलें
सरल हैं ये सभी चीज़े नहीं मुश्किल कोई बिटिया

नए रस्ते ,बड़ी मंज़िल ,घना उल्लास और साहस
बसा लो इनको जीवन में रहो संवरी सजी बिटिया

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 636

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 24, 2016 at 6:10am
अच्छी ग़ज़ल हूई है मनोज जी हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 23, 2016 at 8:51pm

बहुत  प्यारी ग़ज़ल हुई मनोज कुमार जी बधाई लीजिये 

Comment by मनोज अहसास on August 23, 2016 at 5:42pm
Bahut bahut aabhar
Shukriya

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 23, 2016 at 11:18am

आदरनीय , गज़ल अच्छी हुई है , मुबारक बाद कुबूल करें । बहर लिखना न भूला करें कृपया ।

Comment by मनोज अहसास on August 22, 2016 at 10:25pm
Bahut bahut aabhar aadrniya abha Ji
Sadar
Comment by Abha saxena Doonwi on August 22, 2016 at 10:13pm

वाआआआआआअह बहुत उम्दा ग़ज़ल ..बधाई 

Comment by मनोज अहसास on August 22, 2016 at 8:38pm
बहुत बहुत
आभार
आदरणीय कबीर साहब
आपका आशीर्वाद मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं
सादर
Comment by Samar kabeer on August 22, 2016 at 3:29pm
जनाब मनोज कुमार'अहसास'साहिब आदाब,बहुत उम्दा और मुरस्सा ग़ज़ल हुई है,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।

ग़ज़ल पर अरकान नहीं लिखे आपने ?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service