For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कविता - " तेरा-मेरा "

)
जन्नत से आगे इक जहान तेरा-मेरा होगा ,
सपनो के शहर में कारवां तेरा-मेरा होगा ,
क्या परखेंगे हमारे प्यार को दुनिया वाले ,

मोहब्बत के काफिले में इम्तिहान तेरा-मेरा होगा।

 

)
सागर कि लहरों में रास्ता तेरा-मेरा होगा ,
इश्क़ के साहिल से वास्ता तेरा-मेरा होगा ,
मिटा देंगे मोहब्बत कि हदें कुछ इस तरह ,
कि हर ज़ुबान पे बस दास्ताँ तेरा-मेरा होगा।

 

)
धड़कन से जुड़ा साज़ तेरा-मेरा होगा ,
कुछ छुपा सा राज़ तेरा-मेरा होगा ,
लोग सुनाएंगे किस्से हमारे प्यार के ,
कुछ ऐसा आगाज़ तेरा-मेरा होगा।

 

)
जीवन के फलसफे में जुड़ना तेरा-मेरा होगा ,
छोटी-छोटी बातों में प्यार से लड़ना तेरा-मेरा होगा ,
इस टकरार से होंगे हम जुदा कभी ,
बस इश्क़ कि राह में मुड़ना तेरा-मेरा होगा।

 

)
सूरज कि किरण के साथ जागना तेरा-मेरा होगा ,
हर पल हँसते-खेलते भागना तेरा-मेरा होगा ,
पूरि करने को ख्वाहिशें हमारी,
रब से हर वक़्त दुआएँ माँगना तेरा-मेरा होगा।

.

"मौलिक अप्रकाशित "

Views: 526

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by M Vijish kumar on June 13, 2016 at 11:37am
धन्यवाद Saurabh Pandey जी, अपनी कमियों मे ज़रूर सुधार करूँगा

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 12, 2016 at 2:03pm

भाई विकास कुमार जी आपके उत्साह को सलाम ! मगर इस उत्साह को कोई दिशा तो दें. या, बस ऐसी ही हल्की-फुल्की पोस्ट से काम चलाना है ? आपकी प्रस्तुतियों में विधाजन्य बहुत सी कनियाँ हैं. 

शुभचिंतक पाठक-भाइयों ने उत्साहवर्द्धन में भरपूर ’वाहवाह’ कर दिया है. अब आप भी सचमुच की वाह-वाही लेने की तैयारी करें. 

शुभेच्छाएँ 

Comment by M Vijish kumar on June 10, 2016 at 8:11am
धन्यवाद maharshi tripathi जी
Comment by maharshi tripathi on June 9, 2016 at 11:25pm
सुंदर भाव युक्त रचना हेतु बधाई आपको !!!
Comment by M Vijish kumar on June 9, 2016 at 1:30pm
आदरणीय Sheikh Shahzad Usmani जी, आपका तहे दिल से धन्यवाद .
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on June 9, 2016 at 12:26pm
तेरी-मेरी दुनिया/सोच/भावनाओं/सपनों/हक़ीक़त को बख़ूबी बयान करती ख़ूबसूरत कविता के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय M. Vijish कुमार जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   वाह ! प्रदत्त चित्र के माध्यम से आपने बारिश के मौसम में हर एक के लिए उपयोगी छाते पर…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत कुण्डलिया छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, कुण्डलिया छंद पर आपका अच्छा प्रयास हुआ है किन्तु  दोहे वाले…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया छंद रचा…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर कुण्डलिया…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आती उसकी बात, जिसे है हरदम परखा। वही गर्म कप चाय, अधूरी जिस बिन बरखा// वाह चाय के बिना तो बारिश की…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीया "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में आओ॥//..बहुत सुन्दर..हार्दिक…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर आपके सभी छंद बहुत मोहक और चित्रानुरूप हैॅ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुरेश कल्याण जी।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आयोजन में आपकी उपस्थिति और आपकी प्रस्तुति का स्वागत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"आप तो बिलासपुर जा कर वापस धमतरी आएँगे ही आएँगे. लेकिन मैं आभी विस्थापन के दौर से गुजर रहा…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service