For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

M Vijish kumar
Share on Facebook MySpace

M Vijish kumar's Friends

  • harivallabh sharma
  • DR.M.VASUDEVAN
  • अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव
  • गिरिराज भंडारी
  • जितेन्द्र पस्टारिया
  • शिज्जु "शकूर"
  • किशन  कुमार "आजाद"
  • coontee mukerji
  • shashi purwar
  • अरुन 'अनन्त'
  • Dr.Prachi Singh
  • Saurabh Pandey
  • योगराज प्रभाकर
 

M Vijish kumar's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
Bhilai
Native Place
Kerala
Profession
ASI
About me
I am Just trying to write i am not professional but i Love wriiting.

M Vijish kumar's Blog

गीत - ऐतबार

गीत - ऐतबार

ना करना तू ऐतबार प्यार मे,

बस धोखे ही धोखे हैं इस प्यार मे,

मैने दिया था तुमको ये दिल, करना चाहूँ तुम्हे हासिल,

बदला तूने जो अपना इरादा, तोड़ा तूने क्यूँ अपना ये वादा.

1} जबसे रूठ के मुझसे तुम…

Continue

Posted on February 18, 2018 at 2:00pm

गीत - आरज़ू

गीत - आरज़ू

अंजाने से सपने, अंजानी राह है,

पाना है तुझको ही, यह मेरी चाह है,

तेरे बिना ऐसे कैसे मैं जियुं,

चाहता हूँ साथ तेरे मैं रहूँ,

पूरी कर दे तू मेरी यह आरज़ू,

पूरी कर दे तू…

Continue

Posted on January 27, 2018 at 8:18pm — 4 Comments

गीत - तुझे देखूँ यहाँ वहाँ

संदेसा तेरे दिल का , धड़कने है लातीं,

सवार तेरे धुन मे, खुद को कहाँ रोक पाते,

बस मुस्कुरकर तू देख लेती ज़रा,

दिल क्या, जान भी तेरे हो जाते,

तुझे देखूँ यहाँ वहाँ, ढूँढूँ मैं सारा जहाँ, 

बाहों से लगा लूँ तुझे, दिल मे बसा लूँ तुझे....(2)…

Continue

Posted on October 7, 2017 at 7:30pm — 7 Comments

कविता - " क्यूँ किया तूने "

आशिक़ तू आशिक़ी से पहले, करना ज़रूर गौर,

इश्क़ की राह मे आया है नया दौर,

हाथो मे हाथ लिए निकले तो थे,

हमराह बनकर भी तू, चला गया कहीं और.

क्यूँ किया तूने, ये तू क्या कर गई,

बिना कुछ किए ही मेरी जान ले गई....

लफ़्ज़ों की एहमियत को, तू ना समझ पाया,

जाने के बाद मेरे, मैं तुझे याद आया,

की थी क्या ख़ाता मैने, जो तूने था मुंह मोड़ा,

काँच से भी बदतर, तूने दिल मेरा है तोड़ा.

क्यूँ किया तूने, ये तू क्या कर गई,

बिना कुछ किए ही मेरी जान ले…

Continue

Posted on March 9, 2017 at 10:00am — 2 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:56am on January 1, 2014,
सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी
said…

ओ बी ओ मे स्वागत है आपका ,

नये साल की शुभ कामनाये , आपको और आपके पूरे परिवार को

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-172

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
9 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Friday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service