For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हम भी होली खेलते जो होते अपने देश

हम भी होली खेलते जो होते अपने देश
विधि ने ऐसा वैर निकला भेज दिया परदेश
भेज दिया परदेश लेकिन भेजी न  सोगातें
अपने हिस्से में बस आई भूली बिसरी बातें
 
यहाँ तो होली शनि रवि को शनि रवि   दीवाली  रातें
बासी रोटी बर्फ  निवाले  नाचें तब  जब  विदा बारातें
 
अनुमति लेकर रंग लगाना, ये भी कोई  रंग लगाना
 बांच के  रंग की जन्मपत्री ,डरे  डरे से  हाथ बढ़ाना   
 फीसें दे दे  नाच  सीखना, नपा तुला सा पैर उठाना
 जड़ों से हम भी  जुड़े जुड़े हैं ,सोच के स्वंय को धीर बंधाना
 
होली की सौगात तुम्हे शुभ, रंग हमारा भी ले  लेना
रहे  बधाई दीवाली की,  दीप भी तेरा तेरी रैना
 
राम वहां बनवास से आयें ,हम भी दीपक  यहाँ जलायें
भेजो कुछ हुडदंग की पाती ,हम भी सुन सुन  रंग में आयें
मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 483

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by amita tiwari on March 7, 2016 at 1:56am

हार्दिक आभार,

सादर"


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on March 7, 2016 at 12:14am

आदरणीया अमिता जी इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई  स्वीकारें. सादर 

Comment by amita tiwari on March 5, 2016 at 11:34pm

आपका हार्दिक आभार,

सादर"

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 5, 2016 at 11:21am

आ० अमिा जी बहुत सुंदर गीत लिखा होली पर हार्दिक बधाई l

Comment by Samar kabeer on March 4, 2016 at 9:41pm
मोहतरमा अमिता तिवारी जी आदाब,आपके होली गीत ने ये याद दिला दिया कि होली क़रीब आ गई है ।
वाह बहुत सुंदर गीत लिखा आपने,बधाई स्वीकार करें ।
Comment by amita tiwari on March 4, 2016 at 9:03pm

 आपका हार्दिक आभार,

सादर"

Comment by kanta roy on March 4, 2016 at 10:04am
अनुमति लेकर रंग लगाना, ये भी कोई रंग लगाना
बांच के रंग की जन्मपत्री ,डरे डरे से हाथ बढ़ाना
फीसें दे दे नाच सीखना, नपा तुला सा पैर उठाना
जड़ों से हम भी जुड़े जुड़े हैं ,सोच के स्वंय को धीर बंधाना........ वाह ! क्या खूब याद आई है फिर से वो पुरानी होली , फाग का पूरा महीना ही वो फगुआ के दिन । मन को बहुत भाया आपका यह फगुआ का गीत । बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
37 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
15 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
15 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service