For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुझे सच को कभी भी झूठ बतलाना नहीं आता - बैजनाथ शर्मा 'मिंटू'

अरकान -1222  1222  1222   1222

मुझे सच को कभी भी झूठ बतलाना नहीं आता|

तभी तो मेरे घर भी यार नज़राना नही आता|

 

अगर तुम प्यार से कह दो लुटा दूँ जान भी अपनी,

मगर परछाईयों से मुझको टकराना नहीं आता|

 

तड़पकर भूख से मरना मुझे हर पल गवारा है,

मगर आगे किसी के हाथ फैलाना नहीं अता|

 

तू कर दे सर कलम मेरा मगर है बेबसी मेरी,

मुझे दिन को कभी भी रात बतलाना नहीं आता|

 

अगर है शौक पीने का तो ख़ुद जाना तू मयखाने,

किसी के घर तलक चलकर ये मयखाना नही आता|

 

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 833

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 12, 2015 at 12:19am

आदरणीय सतविंदर जी .........बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 12, 2015 at 12:18am

आदरणीय सुनील जी ................बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 11, 2015 at 10:32pm

आदरणीया कांता जी .... बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on December 9, 2015 at 9:23pm
बहुत ख़ूब।बधाई आदरणीय
Comment by shree suneel on December 9, 2015 at 9:07pm
आदरणीय बैजनाथ शर्मा जी, इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए दाद कुबूल करें. सादर.
Comment by kanta roy on December 4, 2015 at 7:13pm

ये नज़राने की बहुत बड़ी बात कह दी है आपने बातों ही बातों में आदरणीय बैजनाथ शर्मा 'मिंटू' जी।  बहुत खूब बात बनी है आपकी इस प्रस्तुति में।  बधाई आपको।  

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 4, 2015 at 12:47pm

आदरणीय जयनित मेहता साहेब,शुशील साहेब,समर कबीर साहेब,  मिथलेश वामनकर साहेब, लक्ष्मण धामी साहेब........हौसला अफजाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया|

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 4, 2015 at 11:18am

मुझे सच को कभी भी झूठ बतलाना नहीं आता|

तभी तो मेरे घर भी यार नज़राना नही आता

अगर है शौक पीने का तो ख़ुद जाना तू मयखाने,

किसी के घर तलक चलकर ये मयखाना नही आता

आ0 बैजनाथ जी, बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल से हुई है हार्दिक बधाई l


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 3, 2015 at 11:03pm

आदरणीय बैजनाथ शर्मा जी, बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल से हुई है,शेर-दर-शेर दाद और मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं. सादर 

Comment by Samar kabeer on December 3, 2015 at 10:55pm
जनाब बैजनाथ शर्मा 'मिंटू' जी,आदाब,बहुत ही ख़ूबसूरत ग़ज़ल से नवाज़ा है आपने मंच को,सुनकर दिल बाग़ बाग़ हो गया,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"  सरसी छंद  : हार हताशा छुपा रहे हैं, मोर   मचाते  शोर । व्यर्थ पीटते…"
4 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे परिवेश। शत्रु बोध यदि नहीं हुआ तो, पछताएगा…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय, जय हो "
20 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम"
22 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Dec 14
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Dec 14
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service