सोनाली भट्टाचार्य एवं सभी तेजाब पीड़ितों के लिए
वह एक लड़की थी
उन्नत नितंबों
पुष्ट उरोजों वाली
श्यामल घनेरे केश
बल खाते पर्वतों के बीच
लहराते
लगता बाढ़ की पगलाई नदी
मेघों के मध्य
घाटी में से गुजर रही हो
खुलकर खिलखिला कर हँसती
कई सितार एक साथ झंकृत हो उठते
उसके सपनों में आता
फिल्मी राजकुमार
जिसके साथ वह
गीत गाती झूमती नाचती
फूलों के बाग में
स्कूल कॉलेज से आती जाती
सबकी निगाहों की केंद्र बिन्दु
सबके लिए स्पृह्यनीय
फिर एक दिन
कुछ उछृंखल हाथों ने तोड़ दिये
सितार के तन्तु
सबने ने फेर ली निगाहें
वैसे उसकी देह अब भी मांसल है
नितंब उन्नत हैं
उरोजों में पुष्टता है
पर कोई नहीं रखता अब
उसे पाने की चाहत
उसकी आँखों पर पड़ा है अब
एक बड़ा चश्मा
और चेहरा दुपट्टे से ढँका है ।
.................. नीरज कुमार नीर
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आपका बहुत आभार आदरणीय मुकेश श्रीवास्तव जी ....
Marmik- aur sabhya samaj ke liye ek sochne waalee rachna
आदरणीय गिरिराज जी आपके इस प्रोत्साहन हेतू अनेक धन्यवाद
आदरनीय नीरज भाई , आज कल यदा कदा घट ही जा रही घटना को बहुत मार्मिक शब्द दिये हैं आपने । हार्दिक बधाई रचना के लिये
आपका धन्यवाद आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव साहब ...
रचना को पसंद करने एवं सराहना के लिए आपका अनेक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पांडे जी ......
आपका हार्दिक आभार आदरणीय डॉ विजय शंकर साहब।
नीर जी आपकी कविता एक सवेदनशील विषय पर है पर नारी के उद्देपन स्वरुप को कुछ और मर्यादित रखते तो बेहतरीन रचना बन जाती फिर भी आपको बधाई
आपकी रचना का मर्म एक बहुत ही संवेदनशील विषय को कहता है और कई स्थापित धारणाओं को भी नकारता है ,विषय कडवा सच है और ट्रीटमेंट भी बोल्ड , बधाई आपको सादर
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online