For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरी बेटी( दूसरी कविता) मनोज कुमार अहसास

मेरी बेटी
तपता सूरज
जब माथे पर सुलग रहा है
दो बातें अपने सीने की तेरे हिस्से मे रखता हूँ
ये सूरज एक बड़ा परीक्षक
ये सूरज एक बड़ा तपस्वी
ये सूरज एक सत्य अटल है
ये सूरज एक महा अनल है
इस सूरज के संरक्षण मे
जीवन के सब अर्थ खुलेगे
इस सूरज के साथ तू चलना
देख गगन से शब्द मिलेगें
चुपके चुपके....सुलग सुलग कर
चमक में हिस्सा मिल जाता है
तपते रहने से रंग जीवन का
एक ना एक दिन खिल जाता है
तपना जीवन को रंगना है
वरना सब फीका फीका है
इस सूरज को साथ में लेकर
तुझको जीवन भर तपना है
बेरंग हो चुकी है ये दुनिया
सतरंगी रंगो से इसको
बिटिया फिर से रंग देना है
सारे जग को रंग देना है
कभी अगर अकेला पाओ खुद को
और पापा भी साथ नहीं हो
इतना समझ लेना मेरी गुड़िया
सूरज तेरे साथ खड़ा है
इंद्रधनुष के रंगों को लेकर
तुझको उसके साथ है चलना
तपना,चलना,जीवन को रंगना
सारे जग को रंग देना
सारे जग को रंग देना



मौलिक और अप्रकाशित

Views: 1173

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by मनोज अहसास on July 11, 2015 at 9:35pm
आदरणीय सचिन देव जी हार्दिक आभार
सादर
Comment by Sachin Dev on July 10, 2015 at 5:25pm

लाजबाव उदगार ....... आदरणीय मनोज कुमार जी...... हार्दिक नमन आपको इस प्रेरणास्पद रचना के लिए ! 

Comment by मनोज अहसास on June 28, 2015 at 12:02pm
आदरणीय डॉ मिश्रा जी
बहुत आभार
सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 28, 2015 at 8:46am

आदरणीय मनोज जी .बिटिया को सार्थक सन्देश के माध्यम से आपने सभी को एक सार्थक सन्देश दिया है सूरज के माध्यम से ..बहुत ही सुंदर रचना है  मेरी हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by मनोज अहसास on June 19, 2015 at 2:41pm
आदरणीय vijay nikore जी हार्दिक आभार
सादर
Comment by मनोज अहसास on June 19, 2015 at 2:40pm
आदरणीय vinaya kumar singh जी सादर धन्यवाद
Comment by विनय कुमार on June 18, 2015 at 12:04am

आ० मनोज कुमार एहसास जी , सार्थक सन्देश अपनी बिटिया के लिए, बहुत बहुत शुभकामनाएं..

Comment by vijay nikore on June 17, 2015 at 11:26pm

इस अति सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by मनोज अहसास on June 5, 2015 at 8:19pm
शुक्रिया आ.Rajesh kumari ji
इस तरह की एक कविता और भी डाली गयी है गुब्बारे शीर्षक से
कृपिया उसे भी पढ़े और आशीर्वाद दे इस अस्तित्व ढ़ुढ़ते अधूरे लेखन को
सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 5, 2015 at 8:07pm

आ० मनोज कुमार एहसास जी ,बहुत ही हृदय स्पर्शी रचना है अतिसुन्दर दिल से बधाई  आपको |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
4 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service