For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वर्षा,
हर्ष-विषाद से मुक्त
चंचल, चपल, वाकपटुता में
मेढकों की टर्र-टर्र
रात के सन्नाटो में भी
झींगुरों के स्वर
सर-सराती हवाओं के संग लहराती
चिकन की श्वेत साड़ी

लज्जा वश देह से लिपट कर सिकुड् जाती
वनों की मस्त तूलिकाएं स्पर्श कर
रॅगना चाहतीं धरा
हरियाली, सावन, कजरी का मन भी
उमड़ता, प्यार-उत्साह...जोश 
म्यॉन से तलवारें खिंच जाती.....द्वेष में
चमक कर गर्जना करती
बादलों की ओट से
आल्हा, राग छेड़ कर ताल ठोंकते
दंगल, चौपालों की गलियो में........उजास भरते
मन का आँगन, त्योंहारों का उद्गम स्थल
नागपंचमी पर गुडि़यों की....
शिराओं के रक्त.... उबलते
झलकते किसानों के माथे पर
बिखरते हीरे-मोती
तरलता वश, सरलता से
ममतामयी आँचल को सराबोर करते
खुशियां छप्पर फाड़ कर बरसतीं
घर-द्वार, खेत-खलिहानों में
किसानों का भाग्य जागता......खेलते
भाग्यविधाता के साथ
छप-छप, छपा-छप, छिप-छिप कर
गॉव-गली, चौबारों में
कीचड़ में सन जाती पूरी देह
मन-आत्मा भी..!
वर्षा,
हर्ष-विषाद से मुक्त।

के0.पी.सत्यम/ मौलिक व अप्रकाशित

Views: 566

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 27, 2015 at 9:21pm

आ0 शिज्जू  भाईजी,  आपका हार्दिक आभार, सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 26, 2015 at 12:00pm

बहुत सुंदर रचना है आदरणीय केवल भाई आपको बहुत बहुत बधाई 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 26, 2015 at 9:54am

आ0 अमन भाई जी,  आपके स्नेह व प्यार के  लिये आपका हार्दिक आभार, सादर

Comment by aman kumar on April 25, 2015 at 1:37pm

वर्षा का किसान के लिए बहुत महत्व है ,,,, सुखद है ,

परंतु हर बार नही ,,,, 

आपकी कविता मन को खुश करती है ! आभार 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 24, 2015 at 6:23pm

आ0 गोपाल सरजी, आपके स्नेहिल प्यार एवम उत्साहवर्धन हेतु आपका आभार. सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 24, 2015 at 6:21pm

आ0 मिथलेश भाई जी, आपके उत्साहवर्धन हेतु आपका आभार. सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 24, 2015 at 6:20pm

आ0. भंडारी भाईजी,  प्रणाम! आपके उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत आभार. सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 24, 2015 at 6:18pm

आ0. जान भाईजी,  आपके उत्साहवर्धन हेतु आपका आभार. सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 24, 2015 at 6:17pm

आ0. मोहन जी,  आपके उत्साहवर्धन हेतु आपका आभार. सादर,

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on April 23, 2015 at 1:27pm

प्रिय सत्यम जी

आपने बहुत प्रयास से लिखा . वर्षा के दृश्य उभर कर आये हैं , सादर.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
56 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
56 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
57 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
58 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
59 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
1 hour ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
3 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service