For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“ बेटा!! अभी दो महीने पहले ही तेरी इकलौती जवान बहन का तलाक हुआ है. जैसे तैसे आस-पड़ोस वालो का मुंह बंद हुआ और तू गैर समाज की लड़की से चोरी छुपे शादी कर घर ले आया. तुझे अपने माता-पिता के मान-सम्मान का जरा भी ख्याल नहीं रहा..”

“ माँ! मैं पिछले चार-पांच साल से इस लड़की को प्यार करता हूँ, अब यह मेरे बच्चे की माँ बनने वाली है. अगर शादी नहीं करता तो बेवफ़ा कहलाता..”

      जितेन्द्र पस्टारिया

  (मौलिक व् अप्रकाशित)

Views: 565

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 3, 2015 at 1:37pm
आदरणीया अर्चना त्रिपाठी जी.आपकी उपस्थिति व् रचना की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार
सादर!
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 3, 2015 at 1:36pm
आदरणीय राजेन्द्र जी, आपका बहुत बहुत आभार
सादर!
Comment by Archana Tripathi on May 2, 2015 at 4:02pm
बहुत ही गैरजिम्मेदाराना तर्क एक पुत्र का अपनी माँ को।
बी
उत्तम रचना के लिए बधाई आपको
Comment by RAJENDER KUMAR GAUR on April 29, 2015 at 1:08pm

RIGHT WAY TO LIVE

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 10, 2015 at 7:35pm

आदरणीय डा.आशुतोष जी. लघुकथा पर आपकी प्रोत्साहन हेतु आपका बहुत-बहुत आभार

सादर!

Comment by Dr Ashutosh Mishra on April 4, 2015 at 1:49pm

आदरणीय जीतेन्द्र जी .. समाज के परिद्रश्य का जीवन उदाहरन ..हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 4, 2015 at 9:37am

आदरणीय गिरिराज जी, आदरणीय कृष्णा जी, आदरणीय मोहन जी. आप सभी की उपस्थिति व् सुझाव के लिए आभारी हूँ. यहाँ लघुकथा के माध्यम से यह सन्देश देने की कोशिश की है कि जो बेटा अपने माता-पिता और बहन के प्रति अपनी जिम्मेदारी नही समझ पाया वो अपनी प्रेमिका से भी वफ़ा नही कर पाया और उसे वफ़ा का नाम दे रहा है.

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 4, 2015 at 9:31am

आपका बहुत -बहुत आभार, आदरणीय श्याम मठपाल जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 4, 2015 at 9:30am

आपका बहुत-बहुत आभार ,आदरणीय श्याम नारायण जी

सादर!

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 3, 2015 at 4:18pm

आ: कृष्णा जी का सुझाव अच्छा लगा ....तो ये इशारा भी होगा की मान सम्मान स्त्री के सर ही मढ़ा जाता है गलती किसी की भी हो ......समाज की सोच भी ऐसी ही है ?...प्रस्तुति के लिये बधाई ....सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
3 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
6 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
6 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service