For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कल उपार्जन केंद्र पर रामदीन को अपने नमीरहित शुष्क चमकदार गेहूं को बेचने जाना है. अचानक बे-मौसम घिर आये बादलों को देख, रामदीन अपने आँगन में पड़े अनाज को अपनी पत्नी और छोटे-छोटे बच्चों की मदद से घर में भरने को जुट गया..

उधर उपार्जन केंद्र पर किसानों से ही खरीदा हजारों क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा हुआ है. जिला प्रशासनिक अधिकारी ने चिंता जताते हुए समिति अध्यक्ष को फोन पर जानकारी लेते हुए पूछा..

“ उपज पर बारिश न हो, इसकी कैसी क्या व्यवस्था है..? अगर बारिश होती है तो अधिक से अधिक कितना नुक्सान दर्शा सकते है..”

 

 

   जितेन्द्र पस्टारिया

(मौलिक व् अप्रकाशित)  

 

Views: 567

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on May 4, 2015 at 12:02pm

आपका बहुत-बहुत आभार,आदरणीय राजेन्द्र जी

सादर!

Comment by RAJENDER KUMAR GAUR on April 29, 2015 at 1:09pm

DUKHAD LEKIN SATYA HALAT

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 15, 2015 at 10:58am

आपसे रचना पर प्रोत्साहन और सराहना पाकर बहुत संतोष मिलता है आदरणीय मिथिलेश जी. आपका ह्रदय से आभारी हूँ

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 15, 2015 at 10:56am

रचना की मुक्तकंठ से सराहना हेतु आपका ह्रदय से आभार, आदरणीय कृष्णा जी.

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 15, 2015 at 10:54am

आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया, रचना को सार्थकता प्रदान करती है. आपका ह्रदय से आभारी हूँ आदरणीया राजेश दीदी

सादर!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 14, 2015 at 7:34am
आदरणीय जितेंद्र जी कमाल कमाल कमाल
बहुत ही नज़ाकत से आपने कड़वे सच को व्यक्त किया है।
बिना नारेबाजी के सिस्टम की विसंगतियों को जोरदार तरीके से अभिव्यक्त करने में सफल लघुकथा।
Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on April 13, 2015 at 10:38pm

इस बेहतरीन और सार्थक लघुकथा की जितनी तारीफ़ की जाये कम है,ऐसे ही गूंढ मुद्दों को उठाने की जरुरत है! बहुत बहुत हार्दिक बधाईयां!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 13, 2015 at 9:09pm

यही हाल है सब जगह व्यवस्था चौपट है तथा अपने फायदे की बात पहले सोच लेते हैं देश में कितने लोग ऐसे हैं जिन्हें एक वक़्त की रोटी भी नहीं मिलती और प्रशासन के पास इतना अनाज सड़ता रहता है ...बहुत विचारणीय मर्म है लघु कथा का --दिल से बधाई जितेन्द्र भैया |

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 13, 2015 at 11:36am

आपका बहुत-बहुत आभार ,आदरणीया ज्योतिर्मय पन्त जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 13, 2015 at 11:35am

आपकी बधाई सहर्ष सिर आँखों पर, आदरणीय गिरिराज जी

सादर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव’ अंक 146

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !! ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ छियालिसवाँ आयोजन है.…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-152

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Dr. Ashok Goyal's blog post ग़ज़ल :-
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
AMAN SINHA posted a blog post

पुकार

कैसी ये पुकार है? कैसा ये अंधकार है मन के भाव से दबा हुआ क्यों कर रहा गुहार है? क्यों है तू फंसा…See More
Saturday
Nisha updated their profile
Friday
Nisha shared Admin's discussion on Facebook
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Chetan Prakash's blog post कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुन्दर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। दोहे के बारे में सुझाव…"
Thursday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"सार्थक दोहे हुए, भाई मुसाफिर साहब ! हाँ, चौथे दोहे तीसरे चरण में, संशोधन अपेक्षित है, 'उसके…"
Jun 1
Chetan Prakash posted a blog post

कुकुभ छंद आधारित सरस्वती गीत-वन्दनाः

दुर्दशा हुई मातृ भूमि जो, गंगा ...हुई... .पुरानी है पावन देवि सरस्वती तुझे, कविता-कथा सुनानी है…See More
Jun 1
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

दोहा सप्तक- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

जलते दीपक कर रहे, नित्य नये पड्यंत्र।फूँका उन के  कान  में, तम ने कैसा मंत्र।१।*जीवनभर  बैठे  रहे,…See More
Jun 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-98 (विषय: अवसर)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर उपस्थितिभाव.पक्ष की कमी बताते हुए मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक…"
Jun 1

© 2023   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service