For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"देख बड़ी बहू तूने छोटी बहू को लेकर डाॅक्टरो के बहुत चक्कर लगा लिये, इससे कुछ नही होगा?" हस्पताल से देवरानी का चेकअप कराकर रमा घर लौटी ही थी कि सासु माँ शुरू हो गयी। "अब तो स्वामी जी की दया हो तो ही छोटी की गोद में किलकारी गूँजेगी।" सासु माँ का बोलना जारी था।
"कल ही स्वामीजी से बात करके ले जाऊँगी इसे उनके आश्रम में 'सप्त रात्रि' की पूजा के लिये।"
"बड़ी बहू अगर तू भी पूजा छोड़ बीच में नही भाग आयी होती तो उन के आर्शीवाद से आज तेरी गोद भी...........।
"बस कीजिये माँजी।" रमा पुरानी बाते याद कर क्रोध में आ गयी। "अब कहीं नही जायेगी छोटी, अब जाना है तो इसके पति को अपने चेकअप के लिये। छोटी को अपनी संतान चाहिये न कि समाज को दिखाने के लिये वंश चलाने वाली आर्शीवादी औलाद।"

"विरेन्दर वीर मेहता"
(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 958

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vandana on March 28, 2015 at 8:12pm

बहुत बढ़िया सन्देश सार्थक लघुकथा आदरणीय 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 26, 2015 at 11:26pm

बहुत अच्छी लघुकथा कही आदरणीय , संदेश भी सार्थक है , आपको हार्दिक बधाई ।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on March 26, 2015 at 3:05pm

सार्थक  सन्देश देती  लघु कथा  के  लिए बधाई  श्री विरेंदीर वीर  मेहता  जी  

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on March 26, 2015 at 10:17am

आदरणीय मितिलेश वामनकर जी, भाई जीतेंदर  पस्तारिय जी, सोमेश कुमार जी, सौरभ पांडेयजी और हरी प्रकाश दुबेजी ..... कथा पर आप लोगो  की उपस्तिथि और प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल से शुक्रिया ......

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on March 26, 2015 at 10:10am

सबसे पहले मैं अपने समय अभाव के कारण  प्रतिक्रिया न दे पाने और 'जल्दी जल्दी में' अपनी रचना पोस्ट करते समय त्रुटियो का ध्यान न रखने के लिए सभी आदरणीय सुधिजनो से  क्षमा चाहता हु.

कथा को समय देने के लिए और उन पर अपनी मूल्यवान  प्रतिक्रिया देने की लिए आप लोगो ..... आदरणीय डॉ. विजय शंकर जी, विनय कुमार जी , डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी, कृष्णा मिश्र जी, और आदरणीय राजेश कुमारी जी .... का तहे दिल से आभारी हूँ.

Comment by Hari Prakash Dubey on March 26, 2015 at 9:53am

आदरणीय वीर मेहता जी ,सुन्दर लघु  कथा ,बधाई ! सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 25, 2015 at 10:48pm

ऐसी रचनाएँ आवश्यक हैं. बधाई भाईजी.

परन्तु, आशीर्वाद को संशोधित कर लें.

सुभेच्छाएँ.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 25, 2015 at 10:21pm

बहुत अच्छा जबाब बड़ी बहू  का इस घिनौने अंधविश्वास का खात्मा भी नारियों को ही करना चाहिए एक शिक्षाप्रद लघु कथा बहुत बढ़िया हार्दिक बधाई आपको वीरेंद्र वीर जी .

Comment by somesh kumar on March 25, 2015 at 11:27am

सुंदर स्पष्ट एवं संक्षिप्त ,अंधविश्वास ,नारी-शोषण और समाजिक दकियानूसी पर प्रहार करती लघुकथा |बधाई भाई जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 25, 2015 at 10:37am

 एक कडवा और शर्मनाक सत्य का बखूबी चित्रण किया आपने,आदरणीय वीर जी. बहुत-बहुत बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
2 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
22 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on नाथ सोनांचली's blog post कविता (गीत) : नाथ सोनांचली
"आ. भाई नाथ सोनांचली जी, सादर अभिवादन। अच्छा गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"ओबीओ…See More
Sunday
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"धन्यवाद सर, आप आते हैं तो उत्साह दोगुना हो जाता है।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सुझाव के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी, अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह पा गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ । आपके अनुमोदन…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. रिचा जी अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई। "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-175
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुइ है। हार्दिक बधाई।"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service