For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल- आन बान शान पर तो मर मिटो या मार दों!

२१२१ २१२१ २१२१ २१२

भारती की मूरती को आज फिर संवार दों!
आर्यवर्त की रिदा को दूध सा निखार दों!!

जिन्दगी ये देश की है देश पर निसार दों!
जितनी बार भी मिले कि उतनी बार वार दों!!

गाडते चलो अमर तिरंगे को सितारो तक!
मानचित्र हिन्द का ब्रह्माण्ड पे उभार दों!!

जो सिमट गये वतन की राह में वे कह गये!
आन बान शान पर तो मर मिटो या मार दों!!

लोग जो अभी तलक जगे नहीं जगा दो अब!
देश की गली गली में जाके तुम पुकार दों!!

पाश्च सभ्यता का जो फितूर चढ गया तुम्हें!
तुम दिमाग में से उस फितूर को उतार दों!!

राष्ट्र की अखण्डता पे आँच लाने वालो को!
लात मार मार के कि फेंक सीमा पार दों!!

ऐ जवान खून आज थाम ले कमान को!
देश डगमगा रहा है दोस्तों उभार दों!!

मौलिक व अप्रकाशित!

Views: 932

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on January 24, 2015 at 7:53pm

आदरणीय राहुल जी आनंद आ गया ..........गाडते चलो अमर तिरंगे को सितारो तक!
मानचित्र हिन्द का ब्रह्माण्ड पे उभार दों!!........बहुत सुन्दर रचना हार्दिक बधाई। 

Comment by Rahul Dangi Panchal on January 24, 2015 at 7:53pm
आदरणीय Dr. Vijai Shanker जी बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Dr. Vijai Shanker on January 24, 2015 at 7:50pm
बहुत सुन्दर. देश-भक्ति- भाव से ओत - प्रेत.
बहुत बहुत बधाई इस सार्थक रचना पर , आदरणीय राहुल जी, सादर।
Comment by Rahul Dangi Panchal on January 24, 2015 at 7:29pm
आदरणीय Sushil Sarna जी शुक्रिया
Comment by Sushil Sarna on January 24, 2015 at 7:11pm

आदरणीय Rahul Dangi    जी सुंदर और ओजपूर्ण ग़ज़ल की प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service