For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अच्छा नहीं होता गुस्सा - जवाहर

अच्छा नहीं होता गुस्सा

पर हो जाता है

मन में गुस्सा

जब कभी

मन माफिक नहीं होता

कोई भी काम

नहीं मानते

अपने ही कोई बात

फिर क्या करें ?

हो जाएँ मौन ?

फिर समझ पायेगा कौन?

आप सहमत हैं या असहमत

क्योंकि

लोग तो यही कहेंगे

मौनं स्वीकृति लक्षणं

मन में रखने से कोई बात

हो जाता नहीं तनाव ?

तनाव और गुस्सा

दोनों है हानिकारक

तनाव खुद का करता नुक्सान

गुस्सा खुद के साथ

दूसरों को भी

करता है परेशान

अत: छोड़ें गुस्सा

बढ़ने दें तनाव

करें व्यायाम और प्राणायाम

लेकर प्रभु का नाम

(मौलिक और अप्रकाशित)

- जवाहर लाल सिंह 

Views: 721

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on November 30, 2014 at 8:06pm

हार्दिक आभार आदरणीय श्री हरिवल्लभ शर्मा जी!

Comment by harivallabh sharma on November 29, 2014 at 12:01am

तनाव और गुस्सा स्वस्थ मनुष्य को रोगी बनाते हैं...स्वस्थ रहने के लिए इनका परित्याग जरुरी है..प्रेरक रचना..सुन्दर बधाई.

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on November 28, 2014 at 10:12am

सकारात्मक प्रतिक्रिया और उत्साह वर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय डॉ विजय शंकर जी 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on November 28, 2014 at 10:10am

हार्दिक आभार आदरणीय श्री जितेन्द्र पस्तारिया जी.

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on November 28, 2014 at 10:09am

रचना को सम्मान देने के लिए हार्दिक आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी..

Comment by Dr. Vijai Shanker on November 27, 2014 at 11:10pm
लाभप्रद संदेश है इसमें , बहुत बहुत बधाई आदरणीय जवाहरलाल सिंह जी।
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on November 27, 2014 at 10:47pm

बहुत सही सीख देती,सुंदर रचना. बधाई सर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 27, 2014 at 9:23pm

अच्छी सीख देती हुई रचना ..बधाई आपको आ० जवाहर जी 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on November 27, 2014 at 8:49pm

हार्दिक आभार आदरणीय श्री सोमेश कुमार जी आपकी प्रतिक्रिया में भी संतुलन है - गुस्सा हो या तनाव ,दोनों का सही संतुलन ही हमें स्वस्थ रख सकता है ,दोनों अपनी जगह अपरिहार्य हैं 

Comment by somesh kumar on November 27, 2014 at 8:36pm

गुस्सा हो या तनाव ,दोनों का सही संतुलन ही हमें स्वस्थ रख सकता है ,दोनों अपनी जगह अपरिहार्य हैं ,सुंदर विषय |मंच पर आपको पाकर अपार हर्ष की अनुभूति हुई |रचना-कर्म के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"सादर प्रणाम🙏 आदरणीय चेतन प्रकाश जी ! अच्छे दोहों के साथ आयोजन में सहभागी बने हैं आप।बहुत बधाई।"
7 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ! सादर अभिवादन 🙏 बहुत ही अच्छे और सारगर्भित दोहे कहे आपने।  // संकट में…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"राखी     का    त्योहार    है, प्रेम - पर्व …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
"दोहे- ******* अनुपम है जग में बहुत, राखी का त्यौहार कच्चे  धागे  जब  बनें, …"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service