For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दीप आंधी में जलाना इतना आसाँ है नहीं

२१२२      २१२२     २१२२     २१२  

राह पर्वत पर बनाना इतना आसाँ है नहीं 

दीप आंधी में जलाना  इतना आसाँ है नहीं 

सरहदों पे जान देते आज माँ के लाडले 

गीत आजादी के गाना इतना आसाँ है नहीं 

दोस्ती का हाथ लेकर फिर खड़े अहबाब हैं 

जो दफ़न उसको जगाना इतना आसाँ है नहीं 

बस्तियां चाहें जला लें आप कितनी भी यहाँ 

है हकीकत घर बनाना इतना आसाँ है नहीं 

हाथ हाथों से मिलाये हर किसी ने बज्म में 

दिल से दिल को पर मिलाना इतना आसाँ है नहीं 

सरहदों पे दाग खूनी अब तलक सूखे नहीं 

प्रीत दुश्मन से जताना इतना आसाँ है नहीं 

गाँव यूं तो छोड़ आया था मैं बचपन में मगर 

छांव पीपल की भुलाना इतना आसाँ है नहीं 

.

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 774

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 27, 2014 at 7:06pm

सरहदों पे जान देते आज माँ के लाडले 

गीत आजादी के गाना इतना आसाँ है नहीं 

हाथ हाथों से मिलाये हर किसी ने बज्म में 

दिल से दिल को पर मिलाना इतना आसाँ है नहीं 

बहुत खूब लिखा आप ने। . आज के हालात का सटीक वर्णन
आभार
भ्रमर ५

Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 27, 2014 at 10:41am
आदरणीय गिरिराज भाईसाब ..आपका प्रोत्साहन और मार्गदर्शन ऐसे ही मिलता रहे ..सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 27, 2014 at 10:36am
आदरणीय सौरभ सर ..आपकी प्रतिक्रियाओं से हमेशा ही कुछ और अच्छा करने की प्रेरणा मिलती है और मैं कोशिश भी करता हूँ ..आपकी साहित्यिक पैठ अत्यंत गहरी है इसलिए आपकी बातों को उतने गहराई से कई बार मैं समझ नहीं पता अपने इशारों को थोडा और आसान करने का कष्ट करें ..आपसे सदैव ही कुछ न कुछ सीखने को मिला है यह स्नेह बदस्तूर मिलता रहे इसी कामना के साथ सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 27, 2014 at 10:33am
आदरणीया राजेश जी ..आपसे हमेसा ही मुझे हौसला मिलता रहा है ..रचना पर आपकी प्रतिक्रियाएँ यूं ही मिलती रहे इसी कामना के साथ सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 27, 2014 at 10:31am
आदरणीय अजय जी ..आपके स्न्हेहिल उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल धन्यवाद सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 27, 2014 at 10:29am
आदरणीय राम शिरोमणि जी ..रचना पर आपकी प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार व्यक्त करता हूँ सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 27, 2014 at 10:28am
आदरणीय लक्ष्मण जी ..रचना पर आपकी प्रतिक्रिया मेरे लिए उत्साहवर्धक है ..भविष्य में भी आपका स्नेह यूं ही मिलता रहे इसी ख्वाइश के साथ सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on August 27, 2014 at 10:26am
आदरणीय जीतेन्द्र जी ..रचना पर आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए तहे दिल बधाई सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 25, 2014 at 8:30pm

बहुत सुन्दर ग़ज़ल,  आदरणीय आशुतोष भाई , हार्दिक बधाई | आ. सौरभ भाई की बातों का ख्याल करें |

Comment by विजय मिश्र on August 25, 2014 at 6:38pm
बधाई भाई आशुतोषजी , बहुत अच्छी रचना |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
16 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
18 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service