For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल : तुम्हारे प्यार का सिर पर अगर आंचल नहीं होगा//शकील जमशेदपुरी//

बह्र : 1222/1222/1222/1222

तुम्हारे प्यार का सिर पर अगर आंचल नहीं होगा
मेरे जीवन में खुशियों का तो फिर बादल नहीं होगा

यकीनन कुछ न कुछ तो बात है तेरी अदाओं में
ये दिल यूं ही तुम्हारे प्यार में पागल नहीं होगा

तुम्हें कुछ दे न पाऊंगा मगर धोखा नहीं दूंगा
मेरी सोहबत में आ जाओ यहां पर छल नहीं होगा

कलम खूं में डुबोकर मैं गजल के शेर लिखता हूं
सियाही से लिखूंगा तो कोई घायल नहीं होगा

तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं
मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा

तू मेरा दोस्त है लेकिन बताकर फायदा क्या है
मुहब्बत का ये मसला है ये तुझसे हल नहीं होगा

मेरे अशआर में होंगी यकीनन खूबियां कुछ तो
जमाना मेरी गजलों का यूं ही कायल नहीं होगा

-शकील जमशेदपुरी
_________________________

*मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 1411

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by atul kushwah on January 8, 2015 at 10:15pm

आदरणीय शकील भाई, गजल का मतला ही पढकर डूब गया, वाकी के शेर तो कहने ही क्या। दो शेर खासतौर से मुझे बेहद पसंद आए, माफ करें वैसे शेर सभी शानदार हैं,....
यकीनन कुछ न कुछ तो बात है तेरी अदाओं में
ये दिल यूं ही तुम्हारे प्यार में पागल नहीं होगा।।

कलम खूं में डुबोकर मैं गजल के शेर लिखता हूं,
सियाही से लिखूंगा तो कोई घायल नहीं होगा।।
             .......वाह—वाह शकील भाई वाह, क्या गजल कही है। 
- तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं,
मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा।। बहुत शुभकामनाएं आपको
                             सादर— अतुल


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 27, 2014 at 5:29pm

तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं
मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा..................बहुत खूब !

सुन्दर अशआर कहे हैं 

हार्दिक बधाई 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 26, 2014 at 2:47pm

आदरणीय शकील जी ..बेहतरीन ख्यालों वाले इन अशारो से सजी इस काबिले तारीफ ग़ज़ल के लिए तहे दिल बधाई सादर 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 23, 2014 at 11:19pm

मेरे अशआर में होंगी यकीनन खूबियां कुछ तो
जमाना मेरी गजलों का यूं ही कायल नहीं होगा.

बात सही है..

आपकी ग़ज़लों से उम्मीद अधिक होती है.. शुभ-शुभ

Comment by कल्पना रामानी on May 22, 2014 at 8:31pm

बहुत शानदार गजल कही है आपने आदरणीय शकील जी, दिल से बधाई स्वीकार कीजिये


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on May 21, 2014 at 10:43am

कलम खूं में डुबोकर मैं गजल के शेर लिखता हूं

सियाही से लिखूंगा तो कोई घायल नहीं होगा

वाह !!!! बहुत खूब शकील भाई             बधाइयाँ.............................


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 20, 2014 at 9:41pm

//तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं
मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा

मेरे अशआर में होंगी यकीनन खूबियां कुछ तो
जमाना मेरी गजलों का यूं ही कायल नहीं होगा//  वाह वाह शकील भाई क्या बात है


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 20, 2014 at 6:32pm

खूब सूरत गज़ल कही है शकील भाई , दिली दाद कुबूल करें ॥

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 20, 2014 at 5:31pm

यकीनन खूबिया  है तेरे शेर में  ऐ दोस्त

Comment by vijay nikore on May 20, 2014 at 11:40am

बहुत ही अच्छे खयाल हैं। बधाई, आदरणीय।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
18 hours ago
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service