For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रति भी तू,कामना भी तू,                                                                  

कवि  की सुंदर कल्पना है,

प्रेम से भरी मूरत है तू,

कुदरत का कोई करिश्मा है ...

सांवली रंगत,सूरत मोहिनी,

कातिलाना तेरी अदाएं है,

सात सुरों की सरगम तू,

फूलों की महकती डाली है....

नयन तेरे काले कज़रारे है,

लब ज्यूँ मय के प्याले है,

जिन पर हम दिल हारे है,

उल्फ़ते-राज़ ये गहरे है ....

हुस्नों-हया की मल्लिका तू,

हर इक दिल की धडकन है,

फुरसत से बनी प्रतिमा तू,

ईश्वर की निराली रचना है...

("मौलिक व अप्रकाशित")                           

Views: 867

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on August 11, 2016 at 10:55am

सुंदर रचना

Comment by Aarti Sharma on February 13, 2014 at 8:38pm

बेहद शुक्रिया annapurna bajpai मैडम..सादर

Comment by annapurna bajpai on February 13, 2014 at 8:01pm

आ0 आरती जी बहुत सुंदर रचना , बधाई आपको । 

Comment by Aarti Sharma on February 13, 2014 at 6:48pm

Meena Pathak जी आपका तहेदिल से शुक्रिया कविता पसंद करने के लिए ..आभार 

Comment by Aarti Sharma on February 13, 2014 at 6:47pm

रचना सराहने के लिए सहृदय धन्यवाद आदरणीय  Laxman Prasad Ladiwala सर..आभार

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 13, 2014 at 6:09pm

ईश्वर की निराली रचना. सौन्दर्य की प्रतिमा है, तभी तो कवि की सुंदर कल्पना है | सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति की लिए बधाई 

Comment by Meena Pathak on February 13, 2014 at 3:07pm

बहुत सुन्दर भावों से सजी रचना .. बहुत बहुत बधाई 

Comment by Aarti Sharma on February 12, 2014 at 11:49pm

भावों की गहराई समझने के लिए हार्दिक आभार आदरणीय जितेन्द्र 'गीत' जी..

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 12, 2014 at 11:37pm

बेहद खुबसूरत कोमल भाव, बधाई स्वीकारे आदरणीया आरती जी

Comment by Aarti Sharma on February 12, 2014 at 11:07pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया  shashi purwar जी..आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
55 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
58 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मनन कुमार सिंह जी। बोलचाल में दोनों चलते हैं: खिलवाना, खिलाना/खेलाना।…"
14 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आपका आभार उस्मानी जी। तू सब  के बदले  तुम सब  होना चाहिए।शेष ठीक है। पंच की उक्ति…"
14 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"रचना भावपूर्ण है,पर पात्राधिक्य से कथ्य बोझिल हुआ लगता है।कसावट और बारीक बनावट वांछित है। भाषा…"
14 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदरणीय शेख उस्मानी साहिब जी प्रयास पर  आपकी  अमूल्य प्रतिक्रिया ने उसे समृद्ध किया ।…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"आदाब। इस बहुत ही दिलचस्प और गंभीर भी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब।  ऐसे…"
15 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"जेठांश "क्या?" "नहीं समझा?" "नहीं तो।" "तो सुन।तू छोटा है,मैं…"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"हार्दिक स्वागत आदरणीय सुशील सरना साहिब। बढ़िया विषय और कथानक बढ़िया कथ्य लिए। हार्दिक बधाई। अंतिम…"
20 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"माँ ...... "पापा"। "हाँ बेटे, राहुल "। "पापा, कोर्ट का टाईम हो रहा है ।…"
23 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"वादी और वादियॉं (लघुकथा) : आज फ़िर देशवासी अपने बापू जी को भिन्न-भिन्न आयोजनों में याद कर रहे थे।…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-118
"स्वागतम "
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service