For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“दाग“ 

********

मूर्खता है ,

होली में रंगे कपड़ों से

दाग छुड़ाने की कोशिश ।

कोई कहता भी नहीं उसे

दाग दार ।

वो अलग हैं , दागियों से

वो होली के हैं । बस ,

स्वीकार करें ,

वैसे ही ,

अगर मजबूरियाँ हैं ,  पहन भी लें ।

कोई न कहेगा , दागदार , कहेगा होली के ,

दाग दार कहा ही

तब जाता है

जब , सारा कुछ हो उजला

और

दाग हों एक –दो

इंगित भी किया जाता है इसे ही ,

प्रयास भी किया जा ता है

छुड़ाने का ,

रहती हैं अपेक्षाएँ भी

दाग छुड़ा लिये जाने की

ताकि , हो सकें आप ,

निर्मल , बेदाग ,पवित्र ॥

ये तो शुभ सूचक है  ।

आनन्द का ,

खुशी का कारण है ।

मुझे प्राप्त हुआ , ये आनन्द

सौभाग्य से ,

कल भी , और पहले भी

बाटना चाहता हूँ  मै , देना चाहता हूँ

उनको भी ,जो उदास हैं  

कहता हूँ , इसीलिये

उनसे,

दो – एक दाग दिख रहे हैं

कपड़ों में आप के भी ॥

**********************

मौलिक एवँ अप्रकाशित

Views: 711

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश नीरज on December 27, 2013 at 9:48am

अच्छा प्रयास है! रचना को कसावट की जरूरत है! भाव बिखरे हुए हैं और क्रमबद्धता की कमी है!

बहरहाल, इस अभिव्यक्ति पर आपको हार्दिक बधाई!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 27, 2013 at 8:03am

आदरनीया महिमा जी , रचना पर आपकी उत्साह वर्धक प्रतिक्रिया के लिये आपका आभार ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 27, 2013 at 8:02am

आदरणीया राजेश कुमारी जी , रचना की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ॥


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 27, 2013 at 8:01am

आदरणीय बड़े भाई , विजय जी , आपका बहुत बहुत आभार ॥

Comment by MAHIMA SHREE on December 26, 2013 at 7:24pm

वाह !! कितनी खुबसूरत बात कही आपने ..बिलकुल नए  और अनोखे अंदाज में .....हार्दिक बधाई आदरणीय गिरिराज जी ..सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 26, 2013 at 10:20am

बहुत बढ़िया गहन भाव समेटे प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय गिरिराज जी 

Comment by vijay nikore on December 26, 2013 at 9:58am

//

मुझे प्राप्त हुआ , ये आनन्द

सौभाग्य से ,

कल भी , और पहले भी

बाटना चाहता हूँ  मै , देना चाहता हूँ

उनको भी ,जो उदास हैं  //

बहुत सुन्दर भाव पिरोय हैं।

 

 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 25, 2013 at 8:38pm

आदरनीय सत्यनारायण भाई , रचना की सराहना के लिये आपका आभारी हूँ ॥

Comment by Satyanarayan Singh on December 25, 2013 at 8:32pm

आ.गिरिराज जी सादर हार्दिक बधाई अतुकांत रचना के सन्दर्भ में वैसे अधिक जानकारी नहीं है किन्तु भाव पक्ष प्रबल है.,

             


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 25, 2013 at 4:20pm

आदरणीय अरुण भाई , रचना पर आपकी उत्साह वर्धन करती प्रतिक्रिया के लिये आपका आभारी हूँ

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार।"
18 seconds ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन।सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
19 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
8 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय जयनित कुमार मेहता जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
8 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की इस्लाह क़ाबिले गौर…"
8 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बहुत ही बेहतरीन ग़ज़ल हुई बधाई स्वीकार कीजिये बहुत कुछ सीखने को मिलता है…"
8 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह से और भी निखर गयी…"
8 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय जयनित जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका सादर"
8 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका, सुधार की कोशिश की है। सादर"
8 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय अमित जी नमस्कार बहुत शुक्रिया आपका बारीक़ी से ग़ज़ल की त्रुटियाँ समझाने और इस्लाह के…"
8 hours ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय ऋचा जी, सादर नमस्कार! तरही मुशायरे में ग़ज़ल का प्रयास अच्छा हुआ है, बाकी अमित जी ने…"
9 hours ago
जयनित कुमार मेहता replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-176
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सादर नमस्कार! तरही मुशायरे में ग़ज़ल का प्रयास अच्छा हुआ है, ग़ज़ल को थोड़ा…"
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service