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पूरण करे प्रकृति अभिमंत्रित काम ये काज |
सृष्टि निरंतर प्रवाहित होवे निमित्त यही राज ||
-----------------------------------------------

हाय ! कौन आकर्षण में
बींध रहा है ...मन आज |
नयन ही नयनों से 
खेलन लगे हैं रास ||

घायल हुआ मन...अनंग
तीक्ष्ण वाणों से आज |
टूट गए बन्धन ...लाज 
गुंफन के सब फांस ||

करने लगे..... झंकृत...
मधुर श्वासों को सुर ताल |
होने लगे मधुराग
गुंजित..... अनायास ||

करने लगे अठखेलियाँ-
यक्ष - यक्षिणी आज |
रचने लगे तप्त अधरों से -
गीत बुन्देली.....कुछ ख़ास ||

सिमटने लगे तम की चादर में 
पर्व आलिंगनों के अपार |
विस्मृत तन-मन हुए... आत्मा -
-अविभूत अद्भुत हास विन्यास ||

सो गया फिर....वह कुशल गन्धर्व !
क्षन - उसी - वीणा के पास |
अमर हो गया वह...स्वर्णिम
भीगा -भीगा सा मधुमासी इतिहास ||

---------------अलका गुप्ता ---------------
नोट - मौलिक व अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Saarthi Baidyanath on November 27, 2013 at 1:52pm

अद्भुत शब्द संयोजन ...बढ़िया व प्रभावी 

सिमटने लगे तम की चादर में 
पर्व आलिंगनों के अपार |..............लाजवाब ...पठनीय रचना 

Comment by annapurna bajpai on November 27, 2013 at 12:13pm

सुंदर अभिव्यक्ति आ0 अल्का जी बधाई  आपको । 

Comment by vijay nikore on November 26, 2013 at 6:56pm

अति सुन्दर अभिव्यक्ति। बधाई आदरणीया अलका जी।

 

सादर,

विजय निकोर

Comment by विजय मिश्र on November 26, 2013 at 4:41pm
एक मधु क्षण आपके शब्दों की आर पाकर अलौकिक रूप पा लिया है . अपूर्व श्रृंगारिक वर्णन ,अतिसफल विन्यास , चंचल-चपल भाव की स्थिर रचना केलिए हार्दिक बधाई और साधुवाद अलकाजी
Comment by Dr Ashutosh Mishra on November 26, 2013 at 2:11pm

आदरणीया अलका जी ...सुंदर भावनात्मक रचना ..मन को गुदगुदाने वाली रचना पर सादर बधाई 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on November 25, 2013 at 9:48pm

आदरणीया अलका जी बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति है बधाई आपको

Comment by Sushil Sarna on November 25, 2013 at 3:21pm

behtreen bhaavon ka sundr prastutikaran....bahut sundr...sundr prvaah, sundr shabd chayan...bahut khoob...haardik badhaaee

Comment by राजेश 'मृदु' on November 25, 2013 at 2:53pm

मनमोहन मादक मतवारे, मधुर मदिर धर रूप पधारे

घूंघर लट लोचन मधु सागर, वंशीधर लावण्‍य सुधाकर

साथ चलते रहें, सादर

Comment by Shyam Narain Verma on November 25, 2013 at 1:04pm
बहुत बहुत बधाई इस सुन्दर रचना के लिए ……………..

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 25, 2013 at 11:10am
आदरणीय़ा, सुन्दर भाव पूर्ण रचना के लिये आपको बधाई !!!!!

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