For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

!!! सुख सभी तो चाहते हैं !!!
गजल बह्र - 2 1 2 2 2 1 2 2

प्रेम  पूंजी  बांटते  हैं।
सुख सभी तो चाहते हैं।

दुःख अपना कौन बांटे,
साये पल्ला झाड़ते हैं।

सुख बड़े चंचल भटक कर,
पल में घर से भागते हैं।

रोशनी जब भी निकलती,
चांद - सूरज  ताकते  हैं।

फिर कभी उलझन न होती,
सांझ सुख मिल बांटते हैं।

चांदनी जब तरू में उलझी,
वृक्ष  साया  शापते  हैं।

गर किसी ने की मुहब्बत,
धर्म मुश्किल सालते हैं।

कर्म की राहें सफल नित,
कृष्ण - अर्जुन बाचते हैं।

दुःख है तो दर्द मरू सम,
शांत मन सुख धारते हैं।

के0पी0सत्यम/मौलिक व अप्रकाशित

Views: 550

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 10, 2013 at 7:38pm

आ0 विजयाश्री जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हृदयतल से बहुत - बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 10, 2013 at 7:38pm

आ0 विजय भाई जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हृदयतल से बहुत - बहुत आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 10, 2013 at 7:37pm

आ0 बृजेश भाई जी,  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हृदयतल से बहुत - बहुत आभार।  सादर,

Comment by vijayashree on September 10, 2013 at 11:12am

दुःख अपना कौन बांटे, 
साये पल्ला झाड़ते हैं।

सुख बड़े चंचल भटक कर,
पल में घर से भागते हैं।

इसी का नाम ही तो जीवन है 

बहुत सुंदर अभिव्यक्ति केवल जी 

Comment by विजय मिश्र on September 9, 2013 at 12:31pm
".....शांत मन सुख धारते हैं।" - शांत मन सब सहन कर लेता है, सब सहज बना देता है ,सर्वकालिक सत्य है . अतिसुन्दर एवं प्रेरक भ्हाव .
Comment by बृजेश नीरज on September 8, 2013 at 10:12pm

इस सुन्दर रचनाकर्म के लिए आपको बहुत बहुत बधाई आदरणीय केवल भाई!

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 8, 2013 at 8:37pm

आ0 जवाहर लाल जी,    आपके अपार स्नेह, आशीष और उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 8, 2013 at 8:37pm

आ0 गनेश सर जी,    आपके अपार स्नेह, आशीष और उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत-बहुत हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 8, 2013 at 8:33pm

आ0 वंदना जी,    आपके अपार स्नेह और उत्साहवर्धन  हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 8, 2013 at 8:32pm

आ0 जितेन्द्र भाई जी,    आपके अपार स्नेह और उत्साहवर्धन  हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।बेहतर शीर्षक के बारे में मैं भी सोचता हूं। हां,पुर्जा लिखते हैं।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। चेताती हुई बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लगता है कि इस बार तात्कालिक…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
" लापरवाही ' आपने कैसी रिपोर्ट निकाली है?डॉक्टर बहुत नाराज हैं।'  ' क्या…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service