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बलिराम ने बनाई लकड़ी की सायकल

महंगाई ने जहां एक ओर आम लोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। वहीं आम आदमी को अपने बच्चों के लिए सामान जुटाने में पसीना छूट जाता है। ऐसी महंगाई से निपटने के लिए यह सायकल उन लोगों के लिए कारगर साबित हो सकती है, जो अपने बच्चों को बड़ी कंपनियों की महंगी सायकलें खरीद कर नहीं दे सकते।
जी हां, यह है लकड़ी की सायकल, जिसे पौना गांव के युवक बलिराम कष्यप ने बनाया है। बाजार में बिक रही सायकलों के दाम 3000 रूपए से कम नहीं हैं, लेकिन बलिराम ने जो सायकल बनाई है उसकी लागत मात्र 1000 रूपए है, मजबूती इतनी कि तीन लोग भी इस पर आराम से सवारी कर सकते हैं।
जांजगीर से 25 किलोमीटर दूर विकासखंड अकलतरा गांव के युवक बलिराम कष्यप ने बबूल की लकड़ी से नायाब सायकल बनाई है, जो देखने में तो आकर्शक है ही, मजबूत भी है। सायकल के अधिकतर हिस्से लकड़ी से ही बने हैं और इसकी लागत है सिर्फ 1000 रूपए। महंगाई के इस दौर में बलिराम की यह सायकल आम लोगों के लिए फायदेमंद हो सकती है। क्योंकि बड़ी कंपनियों की सायकलों के दाम अब आसमान छूने लगे हैं। आर्थिक परेषानी से जूझ रहे परिवार की वजह से उसने 10 वीं तक पढ़ाई की और स्कूल की फीस न भर पाने के कारण उसने पढ़ाई भी छोड़ दी और जुट गया परिवार से विरासत से मिले पेषे को संभालने।
सोफासेट, पलंग, खाट, दरवाजे और लकड़ी के सामानों की कारीगरी करने के दौरान उसके पास रखी दो सायकलें भी टूट गई और उसने अपने लिए लकड़ी की सायकल बनाने की ठान ली। 10 घंटों की मेहनत से आखिरकार उसने एक सायकल बना ही ली। युवक बलिराम जब इस सायकल पर गांव मंे निकलता है तो बच्चे, बूढ़े और जवान उसकी सायकल से आकर्शित तो होते ही हैं, उसे चलाकर और उस पर सवारी करके मजा भी लेते हैं। बलिराम की कहना है कि वह अब लकड़ी का आटो बनाएगा, जिसमें 8 लोग आराम से सफर कर सकेंगे और उसकी लागत होगी सिर्फ 20 हजार रूपए। उसका दावा है कि लकड़ी की आटो एक लीटर पेट्रोल में 50 किलोमीटर से भी अधिक दूरी तय कर सकेगी। लेकिन अपने सपनों को पूरा करने के लिए उसे आर्थिक मदद की जरूरत है।
पौना गांव के होनहार युवक बलिराम के इस प्रयास से ग्रामीण भी खुष हैं। आगे चलकर वह लकड़ी से बने सायकल आम लोगों के लिए उपलब्ध कराना चाहता है, लेकिन उसे सरकारी मदद की दरकार है। सरकार से आर्थिक मदद मिलने पर वह अपनी प्रतिभा का पूरा उपयोग कर सकेगा ऐसा उसका विष्वास है।

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Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 21, 2010 at 6:04pm
बहुत ही रोचक जानकारी दी है आपने |
कृपया निम्न लिंक जरूर देखे और अपना विचार रखे
http://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:34997
Comment by आशीष यादव on November 19, 2010 at 9:12am
yah to bahut achchhi khabar hai. ummid hai ki unka dusra swapn bhi jaldi pura hoga.

कृपया ध्यान दे...

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