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प्यार से तस्वीर मेरी - पोंछना आंसू बहाके

प्यार से तस्वीर मेरी, पोंछना आंसू बहाके।

शीश खटिये पे टिकाकर, सोंचना आंसू बहाके।।

 

चैन से जी भी न पाये,चैन से मर भी न पाये।

याद के टुकड़े पुराने, नोंचना आंसू बहाके।।

 

इस कदर मेरी मुहब्बत, कर गई बर्बाद उसको।

नाम लिख मेरा हँथेली, गोंचना आंसू बहाके।।

 

जब कभी मेरी कमी खलती, उसे है खामखा तब।

दर्द में दुखती रगों को, कोंचना आंसू बहाके।।

 

जख्म से मजबूर होके, घाव ले जीती रही।

क्या करे तकदीर को है, कोसना आंसू बहाके।।

 

चाँद से हो खूबसूरत, जब कभी उसको कहूँ मैं।

शर्म से फिर मुस्कुराना, रोकना आंसू बहाके।।

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Comment by अरुन 'अनन्त' on December 6, 2012 at 3:59pm

तहे दिल से आभार महिमा जी

Comment by MAHIMA SHREE on December 6, 2012 at 3:41pm

चाँद से हो खूबसूरत, जब कभी उसको कहूँ मैं।

शर्म से फिर मुस्कुराना, रोकना आंसू बहाके।।

क्या बात है !! सुंदर !!बधाई स्वीकार करें अनंत जी

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 6, 2012 at 10:40am

अनेक-2 धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण सर

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 6, 2012 at 10:40am

शुक्रिया वीनस भाई

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 6, 2012 at 10:35am
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति की लिए हार्दिक बधाई स्वीकारे श्री अरुण शर्मा 'अनंत' जी 

चाँद से हो खूबसूरत, जब कभी उसको कहूँ मैं।

शर्म से फिर मुस्कुराना, रोकना आंसू बहाके।।- बहुत खूब 

Comment by वीनस केसरी on December 6, 2012 at 12:48am

सुन्दर भावाभिव्यक्ति

हार्दिक बधाई स्वीकारें

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