For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खूँटी पे लटकी
खाली पोटली
मुँह ताक रही है
कोई आएगा
जो झाड़ देगा
इसमें जमी धूल
बिलकुल वैसे ही
जैसे मुक्तिबोध
की कोई कविता
टंगी हो 
समीक्षक के
इंतज़ार में
लेकिन उसे नहीं पता
अब कोई नहीं छेड़ेगा
उस खाली पोटली को
क्यूंकि वो एंटीक है
उसे म्यूजियम में रखा जायेगा
प्रदर्शनी की सोभा सा
क्यूँ कोई जीर्ण-उद्धार करेगा
फिर उदाहरण के लिए
क्या दिखाएगा
कुछ भी नहीं
अब तुम दुष्यंत की
ग़ज़ल भी तो नहीं हो
जो सीधे सीधे उतर जाए
दिल में 
और न ही निराला की
हिंदी मुक्तिका
तुम तो हो हिंदी और उर्दू के
मिक्सचर जैसे 
कन्फ्यूज़ सी
देखना म्युसियम में भी
लोग ताने देंगे
क्या इसे ही मुफ्लिशी कहते हैं ?????
हाय ये बेकारी
ये बेरोजगारी
और खूँटी रोएगी
तुम्हारा बोझ उठा के
उसे नसीब न होगा कभी
सफाई का कपड़ा
बेकार हो तुम
बिलकुल बेकार
इस देश में स्ट्रगल कर रहे
नए कवी की तरह
जैसे "दीप"
समझे
और कारण तुम जानती हो
इतने सुदामा हैं
लेकिन कृष्ण नहीं

संदीप पटेल "दीप"

Views: 569

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 3, 2012 at 11:54am

आदरणीय रवि कुमार जी सादर नमन
आपकी इस सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद सहित सादर आभार आपका
स्नेह यूँ ही बनाये रखिये अनुज पर

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 3, 2012 at 11:54am

आदरनीय गणेश सर जी सादर नमन
आपकी सराहना पा कर मन में इक उत्साह जाग गया कुछ नया और बेहतर लेखन का
अपना स्नेह और सहयोग इस अनुज पर यूँ ही बनाये रखिये
ताकि इक टंकण की गलती भी न हो पाए
आपका ह्रदय से धन्यवाद सहित सादर आभार

Comment by Rash Bihari Ravi on September 1, 2012 at 3:55pm

khunsurat bahut lajabab


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 1, 2012 at 3:49pm

कविता धीरे धीरे अपने चरम को प्राप्त करती है और अंतिम चरण में जोरदार प्रहार करती है, इतने सुदामा हैं लेकिन कृष्ण नहीं...वाह वाह बहुत ही खुबसूरत और जबरदस्त अभिव्यक्ति , बहुत बहुत बधाई संदीप जी |

सोभा = शोभा और कवी= कवि, शायद टंकण त्रुटी है |

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 1, 2012 at 1:39pm

आदरणीय फूल सिंह जी सादर नमस्कार
रचना को सराहने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रिया और सादर आभार

Comment by PHOOL SINGH on September 1, 2012 at 11:07am

संदीप   जी प्रणाम,

आपका बहुत ही सुंदर रचना बधाई ................

फूल सिंह

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 1, 2012 at 9:12am

आदरणीया राजेश कुमारी जी सादर नमन

रचना आपको पसंद आई और आपकी सराहना मिली
इसके लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया और सादर आभार
अपना स्नेह अनुज पर यूँ ही बनाये रखिये

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 1, 2012 at 9:11am

आदरणीय लक्ष्मण जी सादर
रचना को सरहाने हेतु ह्रदय से शुक्रिया और सादर आभार आपका
स्नेह यूँ ही बनाये रखिये

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on September 1, 2012 at 9:11am

आदरणीय श्रीराम जी सादर
आपको रचना पसंद आई और आपकी सराहना मिली
आपका बहुत बहुत आभार
स्नेह यूँ ही अनुज पर बनाये रखिये

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 31, 2012 at 7:39pm
इतने सुदामा है लेकिन कृष्ण नहीं सही लिखा है बही संदीप जी,अब प्रार्थना कर कृष्ण को अवतरित करने पर ही कुछ बेडा पार हो 
सकेगा, तभी नित हो रहे द्रोपदी का चिर हरण रूक सकेगा | बढ़िया रचना बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
49 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर रोला छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
14 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
14 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
14 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय दयारामजी"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी बेहतरीन 👌 प्रस्तुति और सार्थक प्रस्तुति हुई है ।हार्दिक बधाई सर "
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service