For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नींबू अदरक लहसुना, सिरका-सेब जुटाय,

सारे रस लें भाग सम, मिश्रित कर खौलाय. 

मिश्रित कर खौलाय, बचे तीनों चौथाई.

तब मधु लें समभाग, मिला कर बने दवाई.

'अम्बरीष' नस खोल, हृदय दे, महके खुशबू.

नित्य निहारे पेय, तीन चम्मच भल नींबू..

--अम्बरीष श्रीवास्तव

Views: 1355

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on August 24, 2012 at 11:59pm

आदरणीय अम्बरीश जी

                  सादर नमस्कार, कुछ दिन पहले फेस बुक पर गध्य रूप में इसे पढ़ा था आज कुंडलियों के रूप में इस हार्ट ब्लोकेज के नुस्खे को पढकर लगता है यदि सिर्फ इस कुंडलिया को ही पढ़ा जाए तो ब्लोकेज कि समस्या कुछ हद तक तो वैसे ही दूर हो जायेगी. सुन्दर याद रखने योग्य प्रस्तुति पर आपको हार्दिक बधाई.

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on August 24, 2012 at 9:44am

आदरणीय अम्बरीश जी, सदर अभिवादन

पियो दवाई रहो मगन

खिल उठे सारा चमन

बधाई.

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 24, 2012 at 9:39am

जय हो जय हो आदरणीय !

Comment by Albela Khatri on August 23, 2012 at 7:37pm

सादर भाईजी.......

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 7:36pm

स्वागत है आदरणीय अलबेला जी !

Comment by Albela Khatri on August 23, 2012 at 6:35pm

सादर प्रणाम अम्बर जी.........

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 11:52am

धन्यवाद आदरेया रेखा जी ! यह नुस्खा यदि किसी के भी काम आ गया तो यह श्रम सार्थक समझूंगा ! सादर

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 11:51am

स्वागतम आदरेया राजेश कुमारी जी ! आको यह कुंडलिया उपयोगी लगी ...इस निमित्त सादर धन्यवाद !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 11:50am

सुप्रभात आदरणीय अलबेला जी ! इसे पसंद करने के लिए हार्दिक आभार मित्र !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 11:49am

स्वागत है डॉ० प्राची जी, कुंडलिया को पसंद करने व सराहने हेतु आपके प्रति हार्दिक आभार !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
14 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
17 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service