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उसी की याद में खोया दिवाना उसका पागल हूँ

बहर :- बहरे हजज मुसम्मन सालिम | 
मफाईलुन | मफाईलुन | मफाईलुन | मफाईलुन

1 2 2 2    1 2 2 2   1 2 2 2    1 2 2 2

उसी की याद में खोया दिवाना उसका पागल हूँ

 मुझे डर ही नहीं है खार का फूलों से घायल हूँ

 

मेरी आवाज सुन के वो भी ठंडी आह भरते हैं

घुँघरू की तरह बजता हुआ पैरों की पायल हूँ

 

निगाहों से वो तीखे तीर दिल पे मारते मेरे

झुकाते फिर वो पलकें उन अदाओं का मैं कायल हूँ

 

मिटेगी तिश्नगी दीदार से अब "दीप" ये मेरी

वो बारिश है बड़ी घनघोर मैं आवारा बादल हूँ

..................दीप..................

बहर :- बहरे हजज मुसम्मन सालिम | 
मफाईलुन | मफाईलुन | मफाईलुन | मफाईलुन

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मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 22, 2012 at 10:08am

बहुत खूब संदीप पटेल जी , शिल्प और कथ्य दोनों स्तर पर अच्छी ग़ज़ल कही है, एक और शेर अपडेट कर दे क्योंकि उस्तादों की राय है कि पाँच से कम शेरों की ग़ज़ल अच्छी नहीं मानी जाती | दाद कुबूल करें |

Comment by MAHIMA SHREE on May 18, 2012 at 9:39pm

मिटेगी तिश्नगी दीदार से अब "दीप" ये मेरी

वो बारिश है बड़ी घनघोर मैं आवारा बादल हूँ

वाह वाह ..दीप जी बहुत बढ़िया .. बधाई स्वीकार करें

.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 18, 2012 at 9:34pm

संदीप कुमार जी बेहद उम्दा ग़ज़ल लिखी है आपने दाद कबूल करें 

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 18, 2012 at 8:36pm

उसी की याद में खोया दिवाना उसका पागल हूँ

 मुझे डर ही नहीं है खार का फूलों से घायल हूँ

निगाहों से वो तीखे तीर दिल पे मारते मेरे

झुकाते फिर वो पलकें उन अदाओं का मैं कायल हूँ

संदीप  जी बहुत सुन्दर  भाव लिए  शेरो  शायरी  आप की मुझे  बहर  और वजन  का ज्ञान  नहीं है इस लिए प्रतिक्रिया उस अंदाज में नहीं दे पा रहा .. ---भ्रमर ५ 


Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 18, 2012 at 5:12pm

bahut shandaar rachna. badhai

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on May 18, 2012 at 12:49pm

मिटेगी तिश्नगी दीदार से अब "दीप" ये मेरी

वो बारिश है बड़ी घनघोर मैं आवारा बादल हूँ

WAH.....BEMISAL...

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