For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आरोग्य दोहावली 

दही मथें माखन मिले, केसर संग मिलाय.

होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय..

बहती यदि जो नाक हो, बहुत बुरा हो हाल.

यूकेलिप्टिस तेल लें, सूंघें डाल रुमाल..

अजवाइन को पीसिये , गाढ़ा लेप लगाय.

चर्म रोग सब दूर हो, तन कंचन बन जाय..

अजवाइन को पीस लें , नीबू संग मिलाय.

फोड़ा-फुंसी दूर हों, सभी बला टल जाय..

अजवाइन-गुड़ खाइए, तभी बने कुछ काम. 

पित्त रोग में लाभ हो, पायेंगे आराम..    

ठण्ड लगे जब आपको,  सर्दी से बेहाल.

नीबू मधु के साथ में, अदरक पियें उबाल..

अदरक का रस लीजिए. मधु लेवें समभाग. 

नियमित सेवन जब करें, सर्दी जाए भाग.. 

रोटी मक्के की भली, खा लें यदि भरपूर. 

बेहतर लीवर आपका, टी० बी० भी हो दूर..

गाजर रस संग आँवला, बीस व चालिस ग्राम.

रक्तचाप हिरदय सही, पायें सब आराम..

१०

शहद आंवला जूस हो, मिश्री सब दस ग्राम.

बीस ग्राम घी साथ में, यौवन स्थिर काम..

११

चिंतित होता क्यों भला, देख बुढ़ापा रोय.

चौलाई पालक  भली, यौवन स्थिर होय.. 

१२

लाल टमाटर लीजिए, खीरा सहित सनेह.

जूस करेला साथ हो, दूर रहे मधुमेह.. 

१३

प्रातः संध्या पीजिए, खाली पेट सनेह.

जामुन-गुठली पीसिये, नहीं रहे मधुमेह..

१४

सात पत्र लें नीम के, खाली पेट चबाय.

दूर करे मधुमेह को, सब कुछ मन को भाय..

१५

सात फूल ले लीजिए, सुन्दर सदाबहार.

दूर करे मधुमेह को, जीवन में हो प्यार..

१६

तुलसीदल दस लीजिए, उठकर प्रातःकाल.

सेहत सुधरे आपकी, तन-मन मालामाल.. 

१७   

थोड़ा सा गुड़ लीजिए, दूर रहें सब रोग..

अधिक कभी मत खाइए, चाहे मोहनभोग.

१८ 

अजवाइन और हींग लें, लहसुन तेल पकाय.

मालिश जोड़ों की करें, दर्द दूर हो जाय..

१९

ऐलोवेरा-आँवला, करे खून में वृद्धि.

उदर व्याधियाँ दूर हों, जीवन में हो सिद्धि..

२०  

दस्त अगर आने लगें, चिंतित दीखे माथ.

दालचीनि का पाउडर, लें पानी के साथ..

२१

मुँह में बदबू हो अगर, दालचीनि मुख डाल. 

बने सुगन्धित मुख, महक, दूर होय तत्काल.. 

२२

कंचन काया को कभी,  पित्त अगर दे कष्ट.

घृतकुमारि संग आँवला, करे उसे भी नष्ट..

२३

बीस मिली रस आँवला, पांच ग्राम मधु संग.

सुबह शाम में चाटिये, बढ़े ज्योति सब दंग..

२४

बीस मिली रस आँवला, हल्दी हो इक ग्राम. 

सर्दी कफ तकलीफ में, फ़ौरन हो आराम.. 

२५

नीबू बेसन जल शहद , मिश्रित लेप लगाय.   

चेहरा सुन्दर तब बने, बेहतर यही उपाय..

२६.

मधु का सेवन जो करे, सुख पावेगा सोय.  

कंठ सुरीला साथ में , वाणी मधुरिम होय.

२७.

पीता थोड़ी छाछ जो, भोजन करके रोज.

नहीं जरूरत वैद्य की, चेहरे पर हो ओज..

२८

ठण्ड अगर लग जाय जो नहीं बने कुछ काम. 

नियमित पी लें गुनगुना, पानी दे आराम..

२९ 

कफ से पीड़ित हो अगर, खाँसी बहुत सताय.

अजवाइन की भाप लें, कफ तब बाहर आय..

३०

अजवाइन लें छाछ संग, मात्रा पाँच गिराम.

कीट पेट के नष्ट हों, जल्दी हो आराम..

३१

छाछ हींग सेंधा नमक, दूर करे सब रोग.

जीरा उसमें डालकर, पियें सदा यह भोग..

३२

बर्रैया यदि काट ले,  विष से तड़पें यार.

मींज पत्तियां दें रगड़, बेहतर दवा पँवार..

 

--अम्बरीष श्रीवास्तव 

अध्यक्ष संस्कार भारती सीतापुर

Views: 1641

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on February 23, 2012 at 8:24am

मिली प्रतिक्रिया आपकी, ओ बी ओ का साथ.

धन्यवाद हे मित्रवर, खिला हमारा माथ.. 

जय हो...भाई सौरभजी .....   :-)


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 22, 2012 at 11:19pm

अभियंत्रण औ’ साथ में, वैदगिरी के रंग   

छंदों-पिंगल में सजे, दीखे सुन्दर ढंग  !!

आदरणीय अम्बरीष जी, क्या ही रंग है !  वाह-वाह !!

 

Comment by Er. Ambarish Srivastava on February 22, 2012 at 6:09pm

स्वागत है आदरणीय भाई बागी जी ! मन में आया कि इस दिशा में भी कुछ सृजन किया जाए ! परिणामतः यह सभी दोहे आपके समक्ष हैं ! आप सभी के सानिध्य में यह हो पाया इस हेतु आपका हार्दिक आभार मित्र ! : जय ओ बी ओ !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on February 22, 2012 at 6:06pm

स्वागतम आदरणीया आशा जी ! इसे पसंद करके सराहने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on February 22, 2012 at 6:05pm

आदरणीय प्रधान संपादक जी ! आपका स्नेहाशीष पाकर यह सृजन और भी सार्थक हुआ ! हार्दिक आभार !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on February 22, 2012 at 6:04pm

स्वागत है भाई दिलबाग जी ! आभार मित्र !

Comment by Er. Ambarish Srivastava on February 22, 2012 at 6:03pm

स्वागतम  भाई नीरज जी ! धन्यवाद मित्रवर ! :-)


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on February 22, 2012 at 2:17pm

वाह वाह अम्बरीश भाई, इसे कहते है एक पंथ दो काज , दोहे का आनंद भी और साथ में चंगा रहने का उपाय , क्या बात है, बहुत ही सुन्दर कांसेप्ट , बधाई स्वीकार कीजिये अम्बरीश भाई ।

Comment by asha pandey ojha on February 22, 2012 at 12:39pm

वाह बहुत ही कमाल की दोहावली रची है  बहुत खूब 


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on February 22, 2012 at 12:20pm

बेमिसाल और बाकमाल दोहावली. जन सेवा की भावना से ओत-प्रोत इन बेशकीमती दोहों के लिए आपको और आपकी लेखनी को शत शत नमन.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
23 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद ओ मुबारकबाद क़ुबूल करें ..... पसरने न दो…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on धर्मेन्द्र कुमार सिंह's blog post देश की बदक़िस्मती थी चार व्यापारी मिले (ग़ज़ल)
"आदरणीय धर्मेन्द्र जी समाज की वर्तमान स्थिति पर गहरा कटाक्ष करती बेहतरीन ग़ज़ल कही है आपने है, आज समाज…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। आपने सही कहा…"
Oct 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"जी, शुक्रिया। यह तो स्पष्ट है ही। "
Sep 30
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-126 (पहचान)
"सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी"
Sep 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service