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वरिष्ठ नागरिक दिवस पर कुछ दोहे. . .

वरिष्ठ नागरिक दिवस पर कुछ दोहे :

अपने बेगाने हुए, छोड़ा सबने साथ ।
हाथ काँपते ढूँढते, अब अपनों का हाथ ।1।

बरगद बूढ़ा हो गया, पीत हुए सब पात ।
मौसम बीते दे गए, अश्कों की सौगात ।2।

वृद्धों को बस चाहिए, थोड़ा सा सम्मान ।
अवसादों को छीन कर , उनको दो मुस्कान ।3।

बहते आँसू कह रहे, व्यथित हृदय की बात ।
जरा काल में ही दिए, अपनों ने आघात ।4।

कौन मानता है भला, अब वृद्धों की बात ।
बात- बात पर  अब मिले, तानों की सौगात ।5।

आँखों से आँसू बहें, मुँह से टपके लार ।
लघु शंका बस में नहीं, देह हुई लाचार ।6 ।

वृद्धों की हर बात का, होता अब उपहास ।
याद करें एकांत में, वो बीते मधुमास ।7।

धीरे-धीरे ढह गए, स्वप्निल सारे दुर्ग ।
तन्हा देखे मोड़ पर, बीता वक्त बुजुर्ग ।8।

सुशील सरना / 20-8-22

मौलिक एवं अप्रकाशित 

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Comment by Sushil Sarna on September 4, 2022 at 2:52pm
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 3, 2022 at 6:01am

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहों के लिए हार्दिक बधाई। 

Comment by Sushil Sarna on August 23, 2022 at 5:22pm
आदरणीय अमीरुद्दीन साहिब, आदाब - सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय
Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on August 23, 2022 at 4:08pm

आदरणीय सुशील सरना जी आदाब, वरिष्ठ नागरिक दिवस पर बहुत ही सार्थक, सुंदर और भावपूर्ण दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई स्वीकार करें। 

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