For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दोहा त्रयी. . . . . .

दोहा त्रयी. . . .

मन के मधुबन से हुई , लुप्त नेह की गंध ।
काई देती स्वार्थ की, रिश्तों में दुर्गन्ध ।।

बदल गया परिवार में, रिश्तों का अब रूप ।
तीखी लगती स्वार्थ की,  अब आँगन में धूप ।।

अर्थ रार में खो गए, रिश्ते सारे खास ।
धन वैभव ने भर दिया, जीवन मैं संत्रास ।।

सुशील सरना / 11-2-24

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 35

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on March 3, 2024 at 11:53am
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 2, 2024 at 11:51pm

आ. भाई सुशील जी ,सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"नमस्कार, दया राम मेठानी जी, ग़ज़ल आपकी संस्तुति पा सकी, इसके लिए आपका आभारी हूँ ।सादर !"
1 minute ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"जी, धन्यवाद !"
4 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"जी, आ. रिचा यादव नमन ! आपको ग़ज़ल अच्छी लगी, मेरा प्रयास सफल हुआ।साधुवाद, सु श्री । सादर"
6 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आ. समर कबीर साहब, आदाब, आपकी दृष्टि मेरी ग़ज़ल पर पड़ी और आपने इसका संज्ञान लिया मैं धन्य हुआ !"
12 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"उन्हीं को सौंप रखा है जिगर करें तो क्याहम उनके पास ही जाते हैं चोट खाने कोपता है प्यार का अंजाम…"
27 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। बहुत अच्छी गजल के साथ मंच पर आपकी उपस्थिति ने हर्षित किया है। बहुत…"
35 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदाब, आदरणीय, भाई  Euphonic अमित जी, आपका अतिशय धन्यवाद कि आपने मेरी ग़ज़ल प्रस्तुति को अपना…"
42 minutes ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय नादिर जी, बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई। बधाई स्वीकार करें। गुणिजनों की इस्लाह के बाद आपकी ग़ज़ल बहुत…"
49 minutes ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय Tilak Raj Kapoor जी नमस्कार। आपने तरही मिसरे पर ख़ूब ग़ज़ल कही।बधाई स्वीकार करें। सर् की…"
53 minutes ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी नमस्कार ।हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
1 hour ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय ऋचा यादव जी नमस्कार ।हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
1 hour ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी नमस्कार ।हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service