For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गिरिराज भंडारी's Blog – November 2014 Archive (3)

ग़ज़ल -- मुहब्बत का तराना तो बहुत गाया हुआ है ( गिरिराज भंडारी )

मुहब्बत का तराना तो बहुत गाया हुआ है

**************************************

1222    1222    1222     122 

न आये होश अब यारों नशा छाया हुआ है  

सँभल ऐ बज़्म दिल अब वज़्द में आया हुआ है

 

ज़रा राहत की कुछ सांसें तो लेलूँ मैं ,कि सदियों

बबूलों को मनाया हूँ तो अब साया हुआ है 

 

हथौड़ा एक तुम भी मार दो लोहा गरम पर

यहाँ मज़हब को ले के खून गरमाया हुआ है…

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on November 19, 2014 at 10:10am — 18 Comments

ग़ज़ल - क़सम ले लो उन्हें फिर भी न मैं बुरा कहता --( गिरिराज भंडारी )

क़सम ले लो उन्हें  फिर भी न मैं बुरा कहता

****************************************

१२१२      ११२२     १२१२     २२ /११२ 

वो मेरे दिल में न होते  तो मैं  ज़ुदा  कहता

क़सम ले लो उन्हें  फिर भी न मैं बुरा कहता

 

वो जिसकी  ताब ने ज़र्रे  को आसमान किया  ( ओ बी ओ को समर्पित )

उसे न कहता तो फिर किसको मैं ख़ुदा कहता

 

रहम  दिली  पे  मुझे  खूब  है यकीं  उनकी

करूँ क्या ? वक़्त मिला  ही न  मुद्दआ  कहता 

 

तवील …

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on November 10, 2014 at 8:57am — 24 Comments

गज़ल -हर ग़ज़ल में आप ही तो हैं (गिरिराज भंडारी)

1222     1222    1222       1222

मेरी हर शायरी में हर ग़ज़ल में आप ही तो हैं

मेरे हर नज़्म की होती पहल में आप ही तो हैं

 

मुझे तो ज़िन्दगी के रंग सारे ठीक लगते थे

किसी भी रंग के रद्दोबदल में आप ही तो हैं

 

मैं कितनी भी रखूँ दूरी हमेशा पास में हो आप 

मेरे दिल में बना है उस महल में आप ही तो हैं

 

ये दुनिया है यहाँ ज़ह्राब भी शामिल है आँसू भी

मेरी आँखों से बहते इस तरल में आप ही तो हैं

 

अलग कब आप हो…

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on November 1, 2014 at 8:00am — 27 Comments

Monthly Archives

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service