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khursheed khairadi
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vijay nikore commented on khursheed khairadi's blog post एक ग़ज़ल ---नहीं आता
"गज़ल बहुत अच्छी बनी है, मित्र खुर्शीद खैराड़ी जी। बधाई।"
Jan 23, 2020
मनोज अहसास commented on khursheed khairadi's blog post एक ग़ज़ल ---नहीं आता
"एक बेहद शानदार गजल के लिए हृदय से दाद पेश करता हूं आदरणीय मित्र आदरणीय समर कबीर साहब गजल को देख ही चुके हैं इसलिए अब गजल मुकम्मल हो गई है सादर"
Jan 21, 2020
नाथ सोनांचली commented on khursheed khairadi's blog post एक ग़ज़ल ---नहीं आता
"आद0 खुर्शीद खैराड़ी जी सादर अभिवादन। बेहतरीन मुरस्सा और उम्दा ग़ज़ल पढ़ने को मिली,, शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
Jan 20, 2020
Samar kabeer commented on khursheed khairadi's blog post एक ग़ज़ल ---नहीं आता
"जनाब ख़ुर्शीद खैराड़ी जी आदाब, बहुत समय बाद ओबीओ पर आपको देख कर प्रसन्न हूँ । बहुत उम्द: और मुरस्सा ग़ज़ल से नवाज़ा आपने इस मंच को,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ । तअज्जुब है अदीबों आपको गुस्सा नहीं…"
Jan 19, 2020
रवि भसीन 'शाहिद' commented on khursheed khairadi's blog post एक ग़ज़ल ---नहीं आता
"आदरणीय ख़ुर्शीद साहब, आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है, बधाई स्वीकार करें।"
Jan 15, 2020
khursheed khairadi posted a blog post

एक ग़ज़ल ---नहीं आता

एक ग़ज़ल ....न याद आओ मुझे तुम कोई पल ऐसा नहीं आतातुम्हारे ख़्वाब में फिर भी मेरा चेहरा नहीं आता*तुम अपने बाप के शाने पे रखदो ख़्वाहिशें अपनी**मेरे बच्चों हक़ीक़त में कोई सांता नहीं आता*मेरी ग़ज़लों में पढ़ लेना मेरे ग़म की इबारत तुममुझे गाना तो आता है मगर रोना नहीं आताजिधर देखो उधर नफ़रत जहाँ जाओ वहाँ साज़िशतअज्जुब है अदीबों आपको गुस्सा नहीं आताज़रा ख़ुश पेट होता है मगर दिल ख़ूब रोता हैमनीआर्डर तो आता है मगर बेटा नहीं आतामुसीबत, रोग, आफ़त, मुश्किलें उस घर में आती हैपसीने की कमाई का जहाँ पैसा नहीं आतामेरा तो…See More
Jan 14, 2020
khursheed khairadi commented on Bhupender singh ranawat's blog post इंतज़ार
"लाज़वाब आदरणीय राणावत साहब। ओपन बुक्स ऑनलाइन पर स्वागत है।"
Jan 14, 2020

Profile Information

Gender
Male
City State
jodhpur
Native Place
rawatbhata
Profession
engineering
About me
gazal ka ek navsadhak

Khursheed khairadi's Blog

एक ग़ज़ल ---नहीं आता

एक ग़ज़ल ....

न याद आओ मुझे तुम कोई पल ऐसा नहीं आता

तुम्हारे ख़्वाब में फिर भी मेरा चेहरा नहीं आता



*तुम अपने बाप के शाने पे रखदो ख़्वाहिशें अपनी*

*मेरे बच्चों हक़ीक़त में कोई सांता नहीं आता*



मेरी ग़ज़लों में पढ़ लेना मेरे ग़म की इबारत तुम

मुझे गाना तो आता है मगर रोना नहीं आता



जिधर देखो उधर नफ़रत जहाँ जाओ वहाँ साज़िश

तअज्जुब है अदीबों आपको गुस्सा नहीं आता



ज़रा ख़ुश पेट होता है मगर दिल ख़ूब रोता है

मनीआर्डर तो आता है मगर बेटा नहीं… Continue

Posted on January 14, 2020 at 7:08pm — 5 Comments

दो हमशक्ल ग़ज़लें

एक बह्र ---दो हमशक़्ल ग़ज़ल

2122--2122--212

रस्म-ए-उल्फ़त है य' ऐसा कीजिए

रात-दिन उसको ही चाहा कीजिए

बदनसीबी का तमाशा कीजिए

आज फिर उसकी तमन्ना कीजिए

यूँ न हरदम मुस्कुराया कीजिए

जब सताए ग़म तो रोया कीजिए

ख़ुद को मसरूफ़ी दिखाया कीजिए

जब कभी बेकार बैठा कीजिए

अच्छा तो 'खुरशीद' जी हैं आप ही

आइए साहब उजाला कीजिए

©खुरशीद खैराड़ी जोधपुर । 9413408422



2122--2122--212

आइने में ख़ुद को देखा कीजिए

फिर…

Continue

Posted on March 6, 2019 at 8:24pm — 1 Comment

ग़ज़ल--बोझ उल्फ़त हो गई तो

ग़ज़ल--2122--2122

बोझ उल्फ़त हो गई तो...?

तेरी आदत हो गई तो...?



प्यार का इज़हार कर दूँ

तुझको नफ़रत हो गई तो...?



डर लगे है आशिक़ी से

यार आफ़त हो गई तो...?



मुझको कंकर तूने समझा

मेरी क़ीमत हो गई तो...?



दर्द अब भाने लगा है

दिल को राहत हो गई तो...?



बिन तेरे रुक जाए साँसे

ऐसी हालत हो गई तो...?



कितना ख़ुद को रोकता हूँ

मेरी ज़ुर्रत हो गई तो...?



बेवफ़ा ये तेरी यादें

दिल की दौलत हो गई… Continue

Posted on October 5, 2017 at 11:15pm — 12 Comments

प्रेम-पचीसी-भाग 4 (प्रीत-पगे दोहे)

प्रेम-पचीसी--भाग 4(प्रीत-पगे दोहे)



पाप कहूँ किसको भला, किसको समझूँ पुन्न ।

मैं जानूँ इतनी गणित, तुम बिन जीवन सुन्न ।। ...1



तुम मोहन की बाँसुरी, मैं राधा का हास ।

साथ तुम्हारा जब मिले, जीवन हो इक रास ।। ...2



दर्शन दे दो साँवरे, तरस रहे हैं नैन ।

मर जाऊँ मैं चैन से, जीती हूँ बेचैन ।।...3



सुध-बुध जी की खो गई, जबसे लागा हेत ।

मैं इक मछली साँवरे, विरहा तपती रेत ।।...4



बरजा तो माना नहीं, अब रोवे दिन-रैन ।

नैन मिलाकर खो… Continue

Posted on September 7, 2017 at 12:48pm — 3 Comments

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At 9:09am on June 16, 2015, Krish mishra 'jaan' gorakhpuri said…

आदरणीय खुर्शीद सर जन्मदिवस पर आपको हृदयतल से अपार बधाई!

At 11:15pm on January 15, 2015,
सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर
said…

आदरणीय खुर्शीद सर, आपका स्नेह और सहयोग सदा मिलता रहा है. आपने इस बधाई सन्देश ने मेरा जो मान बढ़ाया है उसके लिए ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूँ. मेरी रचनाएँ आपको पसंद आती है ये सौभाग्य है मेरा... लेकिन सच तो ये है कि मैं तो आपकी ग़ज़लों का दीवाना हूँ. सोचता हूँ आप जैसी उम्दा गज़लें कह सकूं. 

At 6:37pm on October 15, 2014, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

आदरणीय खुर्शीद जी

आपकी सक्रियता के हम सभी साक्षी है  और पुरुस्कार इसका प्रमाण है i बहुत-बहुत मुबारक i

At 12:05pm on October 15, 2014,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय खुर्शीद खैराड़ी जी,
सादर अभिवादन,

यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | प्रशस्ति पत्र उपलब्ध कराने हेतु कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |

सादर ।
आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

 
 
 

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"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। गीत पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
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"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर रोला छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
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मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)

कहते गीता श्लोक में, स्वयं कृष्ण भगवान।मार्गशीर्ष हूँ मास मैं, सबसे उत्तम जान।1।ब्रह्मसरोवर तीर पर,…See More
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"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय दयारामजी"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मतभेद
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
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