For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव
  • 76, Male
  • धमतरी , छत्तीसगढ़
  • India
Share on Facebook MySpace

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव's Friends

  • RENU BHARTI
  • seemahari sharma
  • harivallabh sharma
  • krishna kant baxy
  • M Vijish kumar
  • ARVIND BHATNAGAR
  • गिरिराज भंडारी
  • Sushil Sarna
  • शिज्जु "शकूर"
  • annapurna bajpai
  • anwar suhail
  • विजय मिश्र
  • Ashish Srivastava
  • मिथिलेश वामनकर
 

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव's Page

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"हम सपरिवार बिलासपुर जा रहे है रविवार रात्रि में लौटने की संभावना है।   "
Jul 19
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद +++++++++ आओ देखो मेघ को, जिसका ओर न छोर। स्वागत में बरसात के, जलचर करते शोर॥ जलचर करते शोर, राग मल्हार सुनाते। छाते रंग बिरंग,  लिए सब आते जाते॥ बारिश का भय त्याग, साथ प्रियतम के जाओ। वाहन का सुख छोड़, एक छतरी में…"
Jul 19
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  छंदों की प्रशंसा और प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
Jun 22
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  छंदों की प्रशंसा और सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
Jun 22
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय हरिओम भाईजी सुंदर सार्थक तीन छंदों के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। गली   हर   कूचे-कूचे।। कूचे का अर्थ  गली ही होता है।  अतः गली के स्थान पर कोई और त्रिकल रखना सही होगा। "
Jun 22
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी  रचना की प्रशंसा और विस्तार से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका।  "
Jun 22
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय हरिओम भाईजी चरणांत का विन्यास ३२३३२ है अतः रोला विधान के अनुसार सही है। विस्तार से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका।  "
Jun 22
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय भाईजी,  विस्तार से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए हार्दिक धन्यवाद ।  व्याकरण की दृष्टि से तो रोगों ही उपयुक्त है। सभी के स्थान पर जटिल सटीक शब्द है। "
Jun 22
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण भाईजी "
Jun 22
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय भाईजी  सभी पंक्तियों में योग की महिमा है और योग को जीवन शैली बनाने की प्रेरणा भी। हार्दिक बधाई इस विशुद्ध प्रस्तुति के लिए।"
Jun 22
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी  चित्र के अनुरूप और शिल्प बद्ध है आपकी प्रस्तुति, हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। खींचा-तानी देह की ,नहीं योग पहचान मन भी तन के साथ हो,सेहत पक्की जान ....... सच है प्राणायाम में तो और भी आवश्यक है मन को केंद्रित करना।"
Jun 22
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168 in the group चित्र से काव्य तक
"कुंडलिया छंद +++++++++ सारे चैनल देखिए, पढ़िए सब अखबार्। योग शक्ति को मानता, अब सारा संसार॥ अब सारा संसार, मनाता दिवस योग का। जड़ से होता नाश , पुराने सभी रोग का॥ डाक्टर भागे दूर, न आते द्वार हमारे। आसन प्राणायाम , करें जब घर में सारे॥   शाला…"
Jun 22
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"शुभ  हो  आपकी यात्रा "
May 18
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अजय भाईजी  प्रशंसा और सुझाव के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका|"
May 18
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय शिज्जू जी    प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका|"
May 18
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी  प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद आभार आपका|"
May 18

Profile Information

Gender
Male
City State
छत्तीसगढ़
Native Place
धमतरी
Profession
सेवा निवृत्त
About me
कविता / सामयिक हास्य व्यंग्य / भजन/ आदि लेखन कार्य

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव's Blog

बीते बरस का लेखा जोखा [अखिलेश कृष्ण ]

प्याज सब्जियाँ आलू दाल, किया हमें सब ने बेहाल।

खट्टी मीठी कड़वी यादें, देकर बीता पिछला साल॥

चारों तरफ से कर्जा उस पर, सभी फसल बर्बाद हुए।

आत्महत्या किसानों ने की, बात दुखद गंभीर सवाल॥

दस राज्य केंद्र में शासन है, पर बढ़ा मांस निर्यात।

चौंकाने वाली ये खबर है, गौ माता भी हुई हलाल॥

करोड़ों खर्च हुए संसद पर, काम के नाम पे ठेंगा है।

बस नारेबाजी बहिर्गमन, पुतलों का दहन, हड़ताल॥

आरोप और प्रत्यारोप हुए, मंत्री विधायक…

Continue

Posted on January 1, 2016 at 7:37pm — 4 Comments

साहित्यकार कलाकार या गिरगिट के अवतार [व्यंग्य]. अखिलेश कृष्ण

अजी सुनते हो ..... पप्पू के पापा ।

 

धीरे बोलो भागवान, पड़ोसी क्या सोचेंगे।

 

मैंने कहा छोटे बड़े मँझले साहित्यकारों और पुरस्कृत कुछ लोग लुगाइयों में सम्मान लौटाने की होड़ लगी है। इन सब के थोपड़े हर चैनल्स में बार बार दिखाया जा रहा है। आप भी अपना सम्मान लौटा दीजिये।

 

कौन सा सम्मान ?

 

ये लो, ऐसे पूछ रहे हो जैसे 10–20  पुरस्कार और सम्मान प्राप्त कर चुके हो और सिर्फ नोबेल पुरस्कार ही लेना बाकी है। अरे जीवन में एक ही बार तो सम्मानित…

Continue

Posted on November 20, 2015 at 2:19pm — 9 Comments

भारत की कुण्डली में तीन अमंगल ग्रह ( आल्हा छंद ) अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव

आल्हा छंद 

बरसों पहले बंधु बनाकर, चाउ -माउ चीनी मुस्काय।                                       

और उसे हम बड़े प्यार से,  भैया कहकर गले लगाय।।                            

 

हर आतंकी पाकिस्तानी, चाल चीन की समझ न आय ।                                                             

दो मुँह वाला अमरीका है, विकिलीक्स दुनिया को बताय।।                       

 

एक ओर है  पाक समस्या , और कहीं चीनी घुस जाय ।                           

*राम -…

Continue

Posted on October 1, 2014 at 3:30pm — 12 Comments

हिन्दी - अपने ही घर में दासी (अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव)

अपने ही घर में दासी हिंदी                           

   हिंदी धीरे- धीरे समृद्ध हुई और फली फूली है। संस्कृत के सरल शब्दों, क्षेत्रीय बोलियाँ / भाषाओं को लेकर आगे बढ़ी, पवित्र गंगा की तरह लगातार कठिनाईयों को पार करते हुए । उर्दू , अरबी, फारसी आदि भी छोटी नदियों की तरह इसमें शामिल होती गईं जिससे हिंदी और मधुर हो गई। आज हिंदी के पास विश्व की किसी भी भाषा से अधिक शब्द हैं। लेकिन आजादी के बाद से सरकार की नीति से हिंदी निरंतर उपेक्षित होती गई। हिंदी के शब्द कोष में…

Continue

Posted on September 3, 2014 at 8:30pm — 10 Comments

Comment Wall (13 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 7:03pm on January 3, 2016, Sushil Sarna said…

नूतन वर्ष 2016 आपको सपरिवार मंगलमय हो। मैं प्रभु से आपकी हर मनोकामना पूर्ण करने की कामना करता हूँ।

सुशील सरना

At 12:15pm on September 19, 2015, Dr. (Mrs) Niraj Sharma said…
माफ करें गलत जगह कमेन्ट दे दिया।
At 12:13pm on September 19, 2015, Dr. (Mrs) Niraj Sharma said…
माह का सक्रिय सदस्य चुने जाने पर हमारी ओर से आ. अखिलेश जी आपको शत शत बधाइयाँ।
At 4:40pm on October 23, 2014, Sushil Sarna said…

आपको  सपरिवार ज्योति पर्व की हार्दिक एवं मंगलमय शुभकामनाएं...

At 3:32pm on January 7, 2014, Dr Ashutosh Mishra said…

आदरणीय अखिलेश जी ..महीने का सक्रीय सदस्य चुने जाने पर मेरी तरफ से हार्दिक बधाई स्वीकार करें ..नव बर्ष की शुभकामनाओं के साथ ही ...सादर 

At 1:55pm on January 7, 2014, Abhinav Arun said…

आदरणीय श्री अखिलेश जी माह का सक्रिय सदस्य पुरस्कार  प्रदान किये जाने पर हार्दिक बधाई और नव वर्ष की  हार्दिक शुभकामनायें !!

At 6:52pm on January 6, 2014, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

प्रिय अखिलेश जी

आपको माह का सक्रिय सदस्य बनाने पर कोटि-कोटि बधाई i

आपकी उर्जा ऐसी ही बनी रहे यही ईश्वर से प्रार्थना है i

 

At 12:17pm on January 5, 2014, Sushil Sarna said…

aa.Akhilesh Krishan Srivastav jee maheene ka skriy sadasy chune jaane pr aapko haardik badhaaee

At 9:39am on January 5, 2014,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

आदरणीय श्री अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करें | कृपया अपना पता एडमिन ओ बी ओ को उनके इ मेल admin@openbooksonline.com पर उपलब्ध करा दें | ध्यान रहे मेल उसी आई डी से भेजे जिससे ओ बी ओ सदस्यता प्राप्त की गई है |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका सहयोग इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |

सादर । 


आपका
गणेश जी "बागी"
संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक
ओपन बुक्स ऑनलाइन

At 10:24pm on November 24, 2013, डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव said…

अखिलेश जी

मालिनी छंद पर आपकी सराहना का शत शत आभार  i

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
3 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
7 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
8 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
14 hours ago
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
23 hours ago
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
yesterday
surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। अलग ही रदीफ़ पर शानदार मतले के साथ बेहतरीन गजल हुई है।  बधाई…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान देने तथा अपने अमूल्य सुझाव से मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"गंगा-स्नान की मूल अवधारणा को सस्वर करती कुण्डलिया छंद में निबद्ध रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service