For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का आयोजन लगातार क्रम में इस बार चौंसठवाँ आयोजन है.

 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

19 अगस्त 2016 दिन शुक्रवार से  20 अगस्त 2016 दिन शनिवार तक

इस बार पिछले कुछ अंकों से बन गयी परिपाटी की तरह ही दोहा छन्द तो है ही, इसके साथ पुनः कुकुभ छन्द को रखा गया है. - 

दोहा छन्द और कुकुभ छन्द

 

कुकुभ छन्द पर आधारित रचनाओं के लिए बच्चन की मधुशाला का उदाहरण ले सकते हैं. 

 

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं.

इन छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना करनी है. 

प्रदत्त छन्दों को आधार बनाते हुए नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.  

रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, उचित यही होगा कि एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो दोनों छन्दों में रचनाएँ प्रस्तुत हों.   

 

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

दोहा छन्द के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

  [प्रस्तुत चित्र अंतरजाल से प्राप्त हुआ है]

कुकुभ छन्द के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

 

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट :

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  19  अगस्त  2016  दिन शुक्रवार से 20 अगस्त 2016 दिन शनिवार तक शनिवार तक यानी दो दिनों केलिए रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  5. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  6. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  7. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 11191

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आ.रक्ताले जी  गलतियों को भी इंगित करे तो समझने मे आसानी होगी. सादर . वैसे कुकुभ छंद का पहला प्रयास है. मेरी सबसे बडी समस्या है मात्रा गणना. मुझे इस पर कुछ ठोस पढने को नही मिल रहा कि गणना कैसे की जाय.मै साहित्य की विद्यार्थि कभी नही रही. 

//मेरी सबसे बडी समस्या है मात्रा गणना. मुझे इस पर कुछ ठोस पढने को नही मिल रहा कि गणना कैसे की जाय.//

आदरणीया नयना आरती जी, आपको कुछ पढ़ने को इसलिए नहीं मिल रहा है कि आपने कोशिश ही नहीं की है. आपने ओबीओ के ही भारतीय छन्द विधान समूह को कभी देखा है ? जरा उस समूह के आलेखों को देख जाइये. आपको आपकेकाम लायक आलेख अवश्य मिलेगा.

//मै साहित्य की विद्यार्थि कभी नही रही. //

मुझे नहीं लगता कि ओबीओ पर कोई सदस्य साहित्य का विद्यार्थी कभी रहा है. अधिकतर तो विज्ञान अथवा वाणिज्य के, या कला में भी अ-साहित्य विषय के विद्यार्थी रहे हैं. 

मैं आपसे ऐसा इसलिए कह रहा हूँ कि इसे कहने का एक विशेष तात्पर्य है, आदरणीया. 

सादर

जी ! आदरणीय वीनस जी का एक लेख 'भारतीय छंद विधान' समूह में है जो मात्रा गणना और छंद पर जानकारी उपलब्ध कराता है.मुझे लगता है उसे पढ़ने से आपकी मुश्किल कुछ कम होगी. छंद में मात्र मात्रा गणना ही नहीं शब्द संयोजन से गेयता और तुक का भी सही निर्वाह होना चाहिए. तुक की दृष्टि से देखें १ . मिलाते/ जतलाते /// २. कर्मों से / आने से /// ३.रिंग टोन से / द्वार से  या गौरैया / चिरैया ......यह कोई भी तुक सही नहीं है.सादर.

एकदम से सटीक जानकारी दी आपने आदरणीय अशोक भाईजी. 

सादर आभार

सादर.

मोहतरमा  नैना     साहिबा    , प्रदत्त चित्र को परिभाषित करते कुकुभ छंद   के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ---

आदरनीया नयना जी , कुभुक छंद मे बहुत कामयाब प्रयास हुआ है , आपको हार्दिक बधाइयाँ ।

भोर मे मुंडेर पे आकर ,चूं-चूं करके जगाना

उछलकूद करके आँगन मे, तिनके  चुन चुन कर लाना

तब सांझ सकारे कलरव का,गीत सुहाना बजता था

लौटती प्रकृति के आँचल से,सूरज भी तब ढलता था....सुन्दर सजीव चित्रं खींचा है आपने उस समय का जब शहरीकरण  इतना नहीं बढ़ा था ,  सुन्दर भावों से सजी रचना  के लिए बधाई प्रेषित है आपको आदरणीया नयना जी ..     

 

मोहतरमा नयना जी प्रदत्त चित्र पर सुन्दर छंद रचना के लिए हार्दिक बधाई । सादर

आदरणीया आरती जी, आपकी उपस्थिति और आपके रचनाकर्म को एक आश्वस्ति की तरह स्वीकार कर रहा हूँ. विश्वास है, आपकी संवेदनशीलता अपनायी गयी विधाओं के दायरे में सार्थक प्रस्तुतियों सेइस पटल को उत्साहित करेगी. आपकी अभिव्यक्तियों की गहराई प्रभावित तो करती ही है. यह रचना भी अपवाद नहीं है. यह अवश्य है कि कोई अभिव्यक्ति विधानों की नियमावलियों से बँध कर संप्रेषणीयता की तार्किक ऊँचाई को छूने लगती है. 

रचना प्रस्तुति हेतु सादर शुभकामनाएँ तथा अशेष बधाइयाँ. 

आद० नयना जी ,कुकुभ छंद पर आपका प्रयास देखकर इतना तो विश्वास हुआ की आप पूरे नियम जानने के बाद बहुत सुन्दर छंद रचेंगी आपसे अपेक्षाएँ बढ़ गई हैं आद० रक्ताले  जी ,आद० सौरभ जी इस विषय पर मार्ग दर्शन कर ही चुके हैं |बहुत बहुत बधाई आपको |

कुकुभ छंद के नियमन पर भी, ध्यान धरें कुछ नयना जी 

शब्द शब्द पर करें नियंत्रण, जाप करें कुछ नयना जी 

तुकबंदी की शर्तें हमने, ओबीओ पर पाई है 

सहभागी होने की दिल से देते आज बधाई है

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post काश कहीं ऐसा हो जाता
"आदरणीय अमन सिन्हा जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर। ना तू मेरे बीन रह पाता…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
"आदरणीय दिनेश कुमार जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। इस शेर पर…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई। गौरैया के झुंड का, सुंदर सा संसार…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post यह धर्म युद्ध है
"आदरणीय अमन सिन्हा जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"वाह वाह वाह... क्या ही खूब शृंगार का रसास्वाद कराया है। बहुत बढ़िया दोहे हुए है। आखिरी दोहे ने तो…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Ashok Kumar Raktale's blog post कैसे खैर मनाएँ
"आदरणीय अशोक रक्ताले जी, बहुत शानदार गीत हुआ है। तल्ला और कल्ला ने मुग्ध कर दिया। जो पेड़ों को काटे…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"आपकी ज़िंदगी ओबीओ  मेरी भी आशिकी ओबीओ  इस समर में फले कुछ समर ऐ समर ये खुशी…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं। सादर।"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति। हार्दिक बधाई। आख़री दोहे में  गोल गोल ये रोटियां,…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय सुशील सरना जी, मयखाने से बढ़िया दोहे लेकर आए हैं। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर।"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया दोहा छंद की प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। इस दोहे…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"वक्त / समय बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ ।। आदरणीय सुशील सरना…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service