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गजल(पेड़)बच्चो! मीठी बोली बोलो बातों में कुछ मिसरी घोलो।1 काँटे लाख तुम्हे भटकायें, फूलों का उपहार सँजो लो।2 पेड़ लगाओ,पानी दो फिर उनके अच्छे साथी… Started by Manan Kumar singh |
0 | Jun 19, 2017 |
गजल(आम)22 22 22 22 आम बनाता काम सुनो जी रोग रहें सुरधाम सुनो जी।1 भिन्न बने सब,रंग अलग हैं इनके कितने नाम, सुनो जी।2 बीजू की बलिहारी जाऊँ बंबइय… Started by Manan Kumar singh |
0 | Jun 13, 2017 |
सदस्य कार्यकारिणी ‘गिलहरी दोहे’ (बाल रचना )एक गिलहरी चुनमुनी,पहने भूरा कोट| कुट कुट करके शान से ,खाती है अखरोट|| बच्चों को प्यारी बहुत,लगती उनको ख़ास| आती मटक मटक कभी,फुदक-फुदक क… Started by rajesh kumari |
0 | Jun 13, 2017 |
गजल(सेबों की है बात निराली)22 22 22 22 सेबों की है बात निराली इनके बिन कब पूरी थाली?1 इनका सेवन कर लो,वरना डॉक्टर करते हैं घर खाली।2 कहते,एक अगर नित खाओ रोगों की बज… Started by Manan Kumar singh |
0 | Jun 11, 2017 |
गजल(केले की महिमा)22 22 22 22 केले की है महिमा,भाई उसकी होती देख बड़ाई।1 कच्चा, सब्जी में आ जाता पक जाये फिर गटको भाई।2 छिलके दूर कहीं रखना जी, पाँव पड़ें, त… Started by Manan Kumar singh |
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Jun 6, 2017 Reply by Manan Kumar singh |
सदस्य टीम प्रबंधन हौले हौले बोल चिरैया.....लोरी //डॉ० प्राचीहौले-हौले बोल चिरैया, हौले-हौले बोल पलने में कान्हा सोया है, तू मत इत-उत डोल चिरैया हौले-हौले बोल... पलकों पर सपने थिरके हैं, अधरों पर मुस… Started by Dr.Prachi Singh |
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May 4, 2017 Reply by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला |
शेर मामा (कविता)शेर मामा शेर मामा हो गए बीमार बोले अब कैसे करूँ शिकार सुन यह शेर की दशा बोला उनसे चतुर सियार शेर मामा तुम मत घबराओ भालू डॉक्टर को बुलवाओ द… Started by KALPANA BHATT ('रौनक़') |
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Mar 5, 2017 Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़') |
सांता आया (कविता)सांता आया सांता आया खुशियों का झोला लाया संग है उनके ढेर खिलौने आये सबमें प्रेम पिरौने । सर्द हवा कब रूकती है सांता के मन को भाती है लाल च… Started by KALPANA BHATT ('रौनक़') |
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Mar 5, 2017 Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़') |
क्लास में सफाई ( कथा)स्कूल में आते ही बच्चों का ध्यान मुख्य पटल पर पड़ा जिसपर लिखा हुआ था इस माह से स्कूल प्रबन्धक कमिटी ने तय किया है कि स्वछता अभियान के तहत जो… Started by KALPANA BHATT ('रौनक़') |
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Mar 5, 2017 Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़') |
सबका प्यारा हिन्दुस्तानकल-कल-कल-कल बहती नदियाँ झर-झर-झर-झर झरते झरने घुन-घुन-घुन-घुन गाते भँवर घिर-घिर-घिर-घिर बदरा बरसे जिन पर सबको है अभिमान मेरा प्यारा हिन्दुस… Started by सुरेश कुमार 'कल्याण' |
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Jan 19, 2017 Reply by Saurabh Pandey |
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