For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

समीक्षा : दोहा-सागर
रचयिता : पंकज शर्मा ‘तरुण’
प्रकाशक : उत्कर्ष प्रकाशन,
142, शाक्य पूरा, कंकर खेडा,
मेरठ केंट-२५०००१, (उ.प्र.)
प्रथम संस्करण 2019
मूल्य : रुपये 150/-
.
पंकज शर्मा ‘तरुण’ का दोहा-संग्रह ‘दोहा-सागर’ हाथ में आया तो बहुत प्रसन्नता हुई. पिछले कुछ वर्षों से पुनः देश में छंद लेखन में वृद्धि हुई है और दोहा एक ऐसा छंद है जो दो ही पंक्तियों में गंभीर बात सरलता से कह जाता है. छंदों में सर्वाधिक लेखन दोहा छंद का ही हो रहा है. लगभग प्रति सप्ताह ही कोई दोहा छंद संग्रह प्रकाशित हो रहा है.

छंद के शिल्प और उसकी गेयता को बनाए रखते हुए रचे गए दोहे जब किसी विशेष उद्देश्य से रचे जाते हैं तभी उनकी सार्थकता होती है. पंकज शर्मा ‘तरुण’ के दोहों में वह बात देखने मिलती है. इनकी पुस्तक में किसी एक विषय को केन्द्रित कर दोहे नहीं लिखे हैं. किन्तु इन दोहों में समाज सुधार, देश के विकास, राजनीति और पर्यावरण संरक्षण का भाव बार-बार आया है.

बोले मुँह पर प्यार से, करे पीठ पर वार।
ऐसे धोखेबाज़ से, सब रिश्ते बेकार।।

आसपास जो नीम हो, मिलती ठंडी छाँव।
प्राण वायु सबको मिले, स्वस्थ रहेगा गाँव।।

आज जब कोरोना के कारण हर कोई बार-बार हाथों को धोकर स्वच्छ रखने का सन्देश दे रहा है. वही सन्देश दोहे के रूप में भी दिया जा सकता है. यह इस दोहे में देखें.

भोजन से पहले सखा, धोएं दोनों हाथ।
बीमारी सब दूर हो, रहता शीतल माथ।।

इस पुस्तक में पूरे एक हज़ार दोहे हैं. इन दोहों में मात्र ऊपर वर्णित विषयों पर ही दोहे रचे गए हों ऐसा नहीं है. इस पुस्तक में लगभग हर विषय को छूने का प्रयास दोहाकार द्वारा किया गया है. कुछ और दोहे देखें –

दुनिया इक बाज़ार है, बिकती है हर चीज़
प्रेम प्यार बिकता नहीं, बो ले इसका बीज।।

जीवन सारा सौंप दो, साँवलिया के नाम।
सारी माया त्याग के, जपो निरंतर श्याम।।

स्वस्थ अगर होगा बदन, मन में रहे उमंग।
भर जाएँगे आप ही, इस जीवन में रंग।।

दोहाकार ने अपने दोहों में हिंदी के साथ आंग्ल भाषा के प्रयोग से भी कोई परहेज़ नहीं किया है, बोलचाल में प्रचलित शब्दों को जस-का-तस दोहों में रख लिया है.

सुविधा इंटरनेट की, है यह तो वरदान।
दुरुपयोग करो नहीं, समझो रे इनसान।।

‘दोहा-सागर’ पंकज शर्मा तरुण का पहला दोहा-संग्रह है. इसकारण कुछ कमियाँ भी इसमें रह गईं हैं. फिर भी यह एक उत्तम दोहा-संग्रह है. मैं उनको इस पुस्तक के प्रकाशित होने पर बहुत-बहुत बधाई देता हूँ. आशा है यह पुस्तक दोहा-छंद पसंद करने वाले पाठकों के बीच अपना अलग मुकाम बनाएगी. शुभकामनाएँ.

समीक्षक :-
अशोक कुमार रक्ताले
४०/५४, राजस्व-कॉलोनी,
उज्जैन-१० (म.प्र.)
मोबाइल : 9827256343

Views: 309

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर

1222-1222-1222-1222जो आई शब, जरा सी देर को ही क्या गया सूरज।अंधेरे भी मुनादी कर रहें घबरा गया…See More
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"जय हो.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service