For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2122 2122 2122

जख्म हम अपने छिपाने में लगे है,
खुद को’ हम पत्थर बनाने में लगे है।

पूछ मत हमको हुआ क्या आजकल ये,
दर्द दिल का हम भुलाने में लगे है।

कौन देता है सहारा अब यहां पर,
बोझ अपना खुद उठाने में लगे है।

दिल जगत का बेरहम चट्टान जैसा,
फिर भी’ पत्थर को मनाने में लगे है।

देश हित की बात ‘‘मेठानी’’ करे क्या,
द्रोहियों को हम बचाने में लगे है।

( मौलिक एवं अप्रकाशित)
- दयाराम मेठानी

Views: 476

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dayaram Methani on February 22, 2019 at 11:23pm

आदरण समर कबीर जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत आभार।

Comment by Dayaram Methani on February 22, 2019 at 11:23pm

आदरणीय नरेंद्र सिंह चौहान जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

Comment by Dayaram Methani on February 22, 2019 at 11:21pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 21, 2019 at 7:02pm

आ. भाई दयाराम जी, अच्छी गजल हुयी है । हार्दिक बधाई।

Comment by narendrasinh chauhan on February 21, 2019 at 4:43pm

सुन्दर रचना सर 

Comment by Samar kabeer on February 21, 2019 at 3:59pm

जनाब दयाराम मेठानी जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करे ।

Comment by Dayaram Methani on February 20, 2019 at 1:54pm

प्रोत्साहन देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय दिगंबर नासवा जी।

Comment by दिगंबर नासवा on February 20, 2019 at 12:16pm

बहुत प्रभावी शेर हैं मेठानी जी ... 

देश प्रेम की भावना और मन के उदगार लिखे हैं आपने ... 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service