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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

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आ० नीलेश भाई, आपकी शिकायत कितनी वाज़िब है इस पर तो क्या कह पाऊँगा. लेकिन जिस खुले हाथ आपने मेरी तुरत-फुरत में हुई प्रस्तुति को मान दिया है वह मेरे लिए कम फ़ख़्र की बात नहीं है. 

वस्तुतः मैं इस मुबारक़ आयोजन में टिप्पणी देने आया था. लेकिन लगा कि मुझे भी प्रदत्त तरह के आधार पर अपनी अपनी बात कहनी चाहिए. सो तुरत-तुरत में जो कुछ बन पडा साझा कर दिया. 

आपका हार्दिक धन्यवाद 

आपके विशेष रंग में रंगी हुई शानदार ग़ज़ल। इस ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए शेर-दर-शेर दाद के साथ मुबारक़बाद क़ुबूल कीजिए आदरणीय सौरभ सर। सादर।

विशेष रंग क्या है यह तो मैं नहीं जानता लेकिन आपको कोई रंग दिखा हो मेरे लिए बाइसे फ़ख़्र की बात है. 

प्रस्तुति को मान देने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, आ० महेन्द्र जी 

उम्दा ग़ज़ल हुई है आ0 सौरभ जी.... दार्शनिकता का पुट लिए हुए.... अच्छे अशआर..... बधाई !!!

आदरणीय अजीत आकाश जी, आपका हार्दिक धन्यवाद. 

यह सही है कि ग़ज़ल का एक शेर दार्शनिक अंदाज़ का है. 

आद० सौरभ जी ,बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर मुबारकबाद लीजिये 

रौशनी की छुअन से सहला कर 
चाँद फिर से जगा गया है मुझे---वाह्ह्ह वाह 

 

अह ! लगा.. वो अभी-अभी ग़ुज़रा 
या, कि माज़ी भिगा गया है मुझे-----शानदार 

 

आदरणीया राजेश कुमारी जी, आपको मेरे अलहदे किस्म के दो अश’आर विशेष तौर पर अच्छे लगे इसका हार्दिक धन्यवाद .. 

:-))))

जय हो.. 

आदरणीय सौरभ पांडेय जी सादर अभिवादन आपकी गजल काबिलेतारीफ गजल है सुंदर भावों को पिरोया है आपने दिली बधाई कुबूल कीजिए

उत्साहवर्द्धन के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय छोटेलाल जी. 

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन । बेहतरीन गजल हुई है । कोटि कोटि बधाईयाँ।

आपका हार्दिक धन्यवाद आ० लक्ष्मण धामी मुसाफिर जी 

  जनाब सौरभ पाण्डे जी, उम्दा ग़ज़ल  के लिये मुबारक बाद 

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surender insan replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय भाई लक्ष्मण जी  हौसलाअफजाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया जी।"
2 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन।गजल का प्रयास अच्छा है। सुझाव से यह निखर गयी है। इसका संज्ञान…"
7 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई गजेंद्र जी, हार्दिक आभार।"
20 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"मुशाइरे में सहभागिता के लिए बधाई आदरणीय सुरेन्दर जी! मश्क़ जारी रखिए!"
22 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"//हसरत ये लिए ही न चला जाऊँ मैं जग से   "तू भी तो कभी मुझको मनाने के लिए…"
32 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छी ग़ज़ल हुई है आ० निलेश जी! बहुत बधाई!"
39 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल के लिए बधाई आदरणीय लक्ष्मण धामी जी! मतला अच्छा है, अन्य शेर थोड़े से प्रयास से और निखर सकते हैं।"
44 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"ग़ज़ल के लिए की गई मश्क़ अच्छी है और भविष्य की सुखद उम्मीदें जगाती है। प्रयासरत रहिए आदरणीय आज़ी साहब!…"
59 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों की…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आदरणीय लक्ष्मण जी  बहुत शुक्रिया आपका सादर "
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
1 hour ago

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