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श्री योगराज प्रभाकर जी बने ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम के "प्रधान संपादक"

ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सभी सदस्यों और Visitors को सूचित करते हुए मुझे अपार हर्ष और गर्व की अनुभूति हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के बरिष्ठ सदस्य एवं अभिभावक परम आदरणीय श्री योगराज प्रभाकर जी को ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम के "प्रधान संपादक" के (अवै०) पद पर सुशोभित, OBO परिवार के सर्व सम्मति से किया जा रहा है,

श्री प्रभाकर जी को ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम के "प्रधान संपादक" के पद को सुशोभित करने हेतु बहुत बहुत बधाई तथा हम सभी उम्मीद करते है कि श्री प्रभाकर जी के कुशल संपादन मे ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम प्रगति पथ पर निरंतर अग्रसर रहेगा |

धन्यबाद सहित आप सबका अपना
गनेश जी "बागी"
सदस्य टीम एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम

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बधाई
सभी साथियों का तह-ए-दिल से शुक्रिया !
शुभ कामनाएं एवं बधाई
शुभ कामनाएं एवं बधाई
श्री योगराज प्रभाकर सुपुत्र
चिरंजीव भवः
बधाई वा शुभ मंगल कामनाएँ
आपकी गुड्डो दादी चिकागो से
दादी माँ, आपका आशीर्वाद मिला, मैं कृतार्थ हुआ ! दिल से आभार !
Aadarniy prabhakar ji ko pradhan sampadak banane pr hardik badhai.
Thank you so very much Ashish jee,
श्री प्रभाकर जी को हार्दिक बधाई ! उम्मीद है की आपके नेतृत्व में ओ.बी.ओ. खूब तरक्की करेगा .मैं ओ.बी.ओ. से जुड़कर काफी खुश किस्मत मान रह हूँ खुदको . व्यस्त दौर में कुछ पढने - लिखने को नया मंच मिला .
योगराज जी,
आदाब,
संपादक पद पर आपका पदार्पण महीमा पूर्ण है दोनों की ही ख्याति होगी. स्तरीय सृजन,सांप्रदायिक सद्भाव और जनवादी स्वरों को पहचान मिलेगी, कविता कहना बहुत आसान है लेकिन क्या कहना चाहिये, कथा वस्तु क्या हो? कवि के सरोकार क्या हों? प्रेम प्रसंगों की सुरमई दुनिया से बाहर जो बदसूरत, बदबूदार यथार्थ बिखरा पडा है उसे संभालना भी जरुरी है..आप यह सब जानते हैं, पारंगत हैं..नये रचनाकर्मियों को नया रचना धर्म देना होगा..नये सिरे से आपको तिलक करना होगा..देखने में आसान है पर बडा कठिन कार्य है, आपने स्वीकार किया है, मुझे खुशी है..सरोकारों की आग अब और धधकेगी...हम भी वक्त वक्त पर फ़ूँक मारते रहेंगे..आग जली रहे..दहकती रहे...आपका साथ और सानिद्ध्य बना रहे..आमीन
आदाब
बधाई

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"आ. भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
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"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
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