For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कवि घाघ और उनकी बहू के बीच परिसंवाद

उत्तर भारत में घाघ नामक एक बहुत प्रसिद्ध किसानी कवि हुए थे.
उनकी रचनाएँ आज भी ग्रामीणों द्वारा कही-सुनी जाती हैं.
उनकी बहू भी बहुत बुद्धिमान थीं.
नीचे की संकलित रचनाओं में उनके परिसंवाद हैं :-

1.
घाघ कहते हैं :-

पउआ पहिन के हर जोते,
सुथनी पहिन के निरावे,
कहें घाघ उ तीनों भकुआ,
सिर बोझा ले गावे.

घाघ की बहू कहती हैं :-

अहिरा हो के हर जोते,
तुरहिन हो के निरावे,
छैला होके कस न गावे,
हलुक बोझा जो पावे.

2.
घाघ कहते हैं :-

बिन माघ घी खीचड़ खा,
बिन गौने ससुरारी जा,
बिना रीतु के पहिने पउआ,
कहें घाघ उ तीनों कउआ.

घाघ की बहू कहती हैं :-

मन मागें घी खीचड़ खा,
प्रित लगे ससुरारी जा,
नहा धो के पहिने पउआ,
कहे पतोहिया घाघे कउआ.

घाघ की अन्य रचनाएँ :-

1.

रात निबदर दिन निबदर,
पुरुआ बहे झमर - झमर,
कहें घाघ की बीज मत खोअ,
अगहनी की खेते में उरीद बोअ.

भावार्थ :- अगर दिन-रात आसमान साफ रहे
और बराबर पुरुआ बहती रहे तो बारिश कतई
नहीं होगी.

2.

सुक सनिचरी बादरी ,रहे गगन में छाय,
घाघ कहें सुनु घाघिनी,बिन बरसे न जाय.

भावार्थ :-अगर शुक्र और शनिवार को आकाश में बादल छा
जाएँ तो बारिश अवश्य होगी.

3.

धान,पान व खीरा,इ पानी के कीड़ा.

भावार्थ -धान,पान व खीरा को अत्यधिक
पानी की आवश्यकता होती है.

4.

छोटा मुँह और ऐंठा कान,
यही बैल की है पहचान.

भावार्थ -
छोटा मुँह और ऐंठे कानवाला
बैल अच्छा होता है.

5.

छोटी सिंग और छोटी पूँछ,
ऐसा बरधा लो बे पूछ.

भावार्थ -छोटी सींग और छोटी पूँछवाला
बैल अच्छा होता है.


संकलनकर्ता-
प्रभाकर पाण्डेय

प्रभाकर पाण्डेय
Prabhakar Pandey

हिंदी अधिकारी, सी-डैक पुणे
Hindi Officer, C-DAC PUNE

पुणे विश्वविद्यालय परिसर, गणेशखिंड,
पुणे- 411007, भारत
Pune University Campus, Ganeshkhind,
Pune - 411007, India
मोबाइल- 8975941372
****************************************************************************************************
http://www.sahityakunj.net/LEKHAK/P/PrabhakarPandey/PrabhakarPandey...
http://nanihal.blogspot.com
http://deoria.blogspot.com
http://www.anjoria.com/v1/sahitya/gopalpuriya16.htm
http://pandiji.blogspot.com
http://prabhakargopalpuriya.blogspot.com
http://sokhababa.blogspot.com
http://www.cfilt.iitb.ac.in/wordnet/webhwn/wn.php
***************************************************************************************************
Creator- http://hindihindi.ning.com
Editor-in-chief 'Bhojpuri Express'- www.bhojpuriexpress.com
State President (Maharashtra) 'Young Indian Organization'- http://youngindian.org
treasurer- Ashirbad (आशिर्वाद)..NGO
****************************************************************************************************

Views: 1027

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 5, 2010 at 5:47pm
Kyaa doordarsita thaa pahley key logo mey jo hawaa ka rookh bina koi yantra sayantra key bhap letey they, aur aaj ham ati aadhunik yantro sanyantro sey yukt hokar bhi sahi sahi aaklan karney mey asmarth hai,
Bahut hi sarthak rachna,

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Rana Pratap Singh on July 2, 2010 at 10:47pm
शुक्रवार की बादरी
शनिवार तक छाय
घाघ कहे सुन भड्डरी
बिन बरसे ना जाये

दिन मैं बद्दर रात निबद्दर
बहै पुरैवैया झब्बर झब्बर
घाघ कहे कुछ होनी होई
कुवां के पानी धोबी धोई

प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on July 2, 2010 at 3:58pm
प्रभाकर पाण्डेय भाई, बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख है आपका ! दरअसल ज्योतिष विद्या से जुड़ा होने की वजह से मुझे भी कवि "घाघ" के बारे में काफी कुछ पढने का मौका मिला है ! इनकी पत्नी का नाम "भड्डरी" बताया जाता है, कवि "घाघ" ने बहुत सी भविष्यवाणियाँ अपनी पत्नी को संबोधित करके भी की है ! सदियों पहले बिना किसी यंत्र कि मदद के किसी साधारण मनुष्य द्वारा इस प्रकार की भविष्यवाणियाँ करना सचमुच आपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है ! यह इस बात की भी पुष्टि करता है कि प्रारंभ से ही भारत विद्या और ज्ञान का घर रहा है ! इस सुंदर आलेख के लिए मेरा साधुवाद स्वीकार करें !
Comment by Rash Bihari Ravi on July 2, 2010 at 3:54pm
bahut badhia prabhakar bhai

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
15 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज भंडारी सर वाह वाह क्या ही खूब गजल कही है इस बेहतरीन ग़ज़ल पर शेर दर शेर  दाद और…"
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
" आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी…"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति में केवल तथ्य ही नहीं हैं, बल्कि कहन को लेकर प्रयोग भी हुए…"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .इसरार
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपने क्या ही खूब दोहे लिखे हैं। आपने दोहों में प्रेम, भावनाओं और मानवीय…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service