For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जो करा रहा है पूजा बस उसी का फ़ायदा है (ग़ज़ल)

बह्र : ११२१ २१२२ ११२१ २१२२

 

जो करा रहा है पूजा बस उसी का फ़ायदा है

न यहाँ तेरा भला है न वहाँ तेरा भला है

 

अभी तक तो आइना सब को दिखा रहा था सच ही

लगा अंडबंड बकने ये स्वयं से जब मिला है

 

न कोई पहुँच सका है किसी एक राह पर चल

वही सच तलक है पहुँचा जो सभी पे चल सका है

 

इसी भोर में परीक्षा मेरी ज़िंदगी की होगी

सो सनम ये जिस्म तेरा मैंने रात भर पढ़ा है

 

यदि ब्लैकहोल को हम न गिनें तो इस जगत में

वो लगा लुटाने फ़ौरन यहाँ जब भी जो भरा है

 

चलो अब तो हम भी चलकर उसे बेक़ुसूर कह दें

वो भरी सभा में रोकर सभी को दिखा रहा है 

-------------

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 854

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Balram Dhakar on October 31, 2018 at 12:08am

आदरणीय धर्मेंद्र जी, बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने इस बह्र में। दिली मुबारक़बाद क़ुबूल फ़रमाएं।

सादर।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on January 9, 2017 at 7:15pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय गोपाल नारायण जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on January 9, 2017 at 7:15pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय गिरिराज जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on January 9, 2017 at 7:15pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेन्द्र नाथ जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on January 9, 2017 at 7:15pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय मिथिलेश जी। आपका आदेश सर आँखों पर

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on January 9, 2017 at 7:14pm

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय महेन्द्र कुमार जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on January 9, 2017 at 7:14pm

बहुत बहुत शुक्रिया जनाब समर कबीर साहब

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on January 9, 2017 at 7:14pm

बहुत बहुत शुक्रिया जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on January 4, 2017 at 7:33pm

बढ़िया धर्मेन्द्र जी .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 4, 2017 at 5:13pm

आदरनीय धर्मेन्द्र भाई , नया साल मुबारक हो ....  गज़ल बहुत अच्छी कही है , दिल से बधाइयाँ स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, आप अपने विचार सुझाव व शिकायत के अंतर्गत रख सकते हैं। सुझाव व शिकायत हेतु पृथक…"
9 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आपको।"
30 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय रिचा यादव जी, तरही मिसरे पर अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकार करें।"
34 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, तरही मिसरे पर अति सुंदर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।"
38 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"ग़ज़ल - 2122 1122 1122 22 काम मुश्किल है जवानी की कहानी लिखनाइस बुढ़ापे में मुलाकात सुहानी लिखना-पी…"
45 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"इतना काफ़ी भी नहीं सिर्फ़ कहानी लिखना तुम तो किरदार सभी के भी म'आनी लिखना लिख रहे जो हो तो हर…"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"२१२२ ११२२ ११२२ २२ बे-म'आनी को कुशलता से म'आनी लिखना तुमको आता है कहानी से कहानी…"
2 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मैं इस मंच पर मौजूद सभी गुनीजनों से गुज़ारिश करता हूँ कि ग़ज़ल के उस्ताद आदरणीय समर गुरु जी को सह…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"2122 1122 1122 22 इतनी मुश्किल भी नहीं सच्ची कहानी लिखनाएक राजा की मुहब्बत में है रानी लिखना…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"भूलता ही नहीं वो मेरी कहानी लिखना।  मेरे हिस्से में कोई पीर पुरानी लिखना। वो तो गाथा भी लिखें…"
12 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या

२१२२ २१२२ २१२२ २१२इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्यावैसे भी इस गुफ़्तगू से ज़ख़्म भर…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

"मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२*****पसरने न दो इस खड़ी बेबसी कोसहज मार देगी हँसी जिन्दगी को।।*नया दौर जिसमें नया ही…See More
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service