For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तरही गजल/सतविन्द्र कुमार राणा

तरही गजल
बह्र:122 122 122 122
काफ़िया:अर
रदीफ़:देख लेना
---
गरीबों के दिल में है डर देख लेना
अमीरों की तिरछी नजर देख लेना।

नहीं तीरगी की हमें फ़िक्र कोई
नए हौंसलों की सहर देख लेना।

जरूरत नहीं है अभी बोलने की
खमोशी जो लाए ग़दर देख लेना।

मुहब्बत को मेरी भुला क्या सकेंगे?
*वो आएँगे थामे जिगर देख लेना।*

मेरा दर्द ही दर्द उनका बना है
मेरे अश्क उन गाल पर देख लेना।

सहारा बनोगे तभी फल वो देंगे
जरा खेत में भी शज़र देख लेना।

तुम्हें फैसलों से जो मिल जाए फुर्सत
व्यवस्था हुई है लचर देख लेना।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 831

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 6, 2017 at 8:13pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी सर,आपको प्रयास पसन्द आया ,यह सार्थक हुआ,सादर हार्दिक आभार

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 4, 2017 at 4:57pm

आदरणीय सतविन्द्र भाई , तरही ग़ज़ल अच्छी कही है , गिरह भी अच्छी लगाई है , बधाइयाँ स्वीकार करें ।

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 3, 2017 at 4:55pm
आदरणीय विजय निकोरे सर सादर नमन,प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 3, 2017 at 4:55pm
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी,आपकी पसन्दगी से प्रयास सार्थक हुआ।सादर हार्दिक आभार
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 3, 2017 at 4:54pm
आदरणीय नरेन्द्रसिंह चौहान जी हौंसलाफ़ज़ाई के लिए शुक्रिया।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 3, 2017 at 4:53pm
आदरणीय महेंद्र जी पुनः आभार
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 3, 2017 at 4:52pm
आदरणीय समर कबीर जी सादर नमन,मेरे निवेदन पर पुनः हाजिर होकर मश्वरा देने के लिए सादर हारदिक आभार।
Comment by vijay nikore on January 3, 2017 at 11:38am

बहुत ही खूबसूरत गज़ल बनी है। हार्दिक बधाई, आदरणीय सतविन्द्र जी।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 2, 2017 at 11:55pm

आदरणीय सतविन्द्र जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने. शेर-दर-शेर दाद के साथ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं. सादर 

Comment by narendrasinh chauhan on January 2, 2017 at 7:24pm

सुन्दर रचना 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185

परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 185 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
10 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Nov 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service