For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ऐ काश! मेरे भी माँ होती

ऐ काश! मेरे भी माँ होती ।

जब-जब मेरी अखियाँ रोती ।
लापरवाहियां दुख देती।
सिर पे मेरे हाथ फिरोती।
ऐ काश मेरे भी माँ होती।

 

ममतामयी जवानी खोती।
सीने पर ज्यूं चले करोती।
अंखियां बरसे जैसे मोती।
ऐ काश मेरे भी माँ होती।

 

मेरे लिए नींदियां खोती।
भीगे बिस्तर में वो सोती।
हंस हंस कर वो मैला धोती।
ऐ काश मेरे भी माँ होती।

 

जब भी लग जाती पनौती।
द्वार-द्वार मांगती मनौती।
मंदिर में जा दीपक जोती।
ऐ काश मेरे भी माँ होती।

 

दादा-दादी हो या पोता-पोती।
किस्मत में लिखी मिलती बपौती।
सब अच्छे लगते नाते-नाती।
ऐ काश मेरे भी माँ होती।।

Views: 441

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by nemichandpuniyachandan on May 29, 2011 at 9:14am
Sir.Apki zarra-nawazi ke liye bahut shukriya.
Comment by Dheeraj on May 10, 2011 at 12:57pm
इस रचना की तारीफ़ शब्दों में करना शायद इसकी तौहीन है ...... इस में छुपे भावो को आँखों के आसुओ से ही अभिव्यक्त किया जा सकता है ..... अति उत्तम
Comment by Veerendra Jain on May 10, 2011 at 12:39pm
Nemichandji.... dil ko chhune wali behad hi uttam rachna ke liye..bahut bahut badhai aapko..

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 10, 2011 at 11:52am
पुनिया साहिब, माँ को समर्पित बेहद मार्मिक रचना की प्रस्तुतु है यह, आभार आपका |
Comment by Abhinav Arun on May 9, 2011 at 11:15am
nemichand jee माँ की ममता का बखान करती यह रचना वाकई मर्मस्पर्शी है | बहुत सुन्दर रचना हेतु बधाई !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service