For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ऐसा भी एक मन्ज़र...

 

पैगाम लिए पंछी चल दिए सुबह को बुलाने ,
बांसुरी से गुजरती शीतल हवा कुछ गुनगुनाई |
 
पीली धूप पहन किरणों ने झाँका आसमान से ,
बाहें फैलाकर मौसम ने फिर ली अंगड़ाई |
 
सिमटने लगी रज़ाई नर्म कोहसारों की ,
नई नवेली दुल्हन सी कलियों ने पलकें उठाई |
 
ओस के कतरों से गीली पगडंडियों पर ,
झूलने लगी हरे पत्तों की काली परछाई |
 
कहीं दूर किसी छत पर एक आँचल है लहराया ,
ज़हन में ख्यालों की नज़्म सरसराई |  

Views: 463

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by आशीष यादव on May 12, 2011 at 1:28pm
subah ka sundar warnan.
Comment by Veerendra Jain on May 6, 2011 at 11:15am
Aacharya ji... aapse sarahna paakar main dhanya hua...bahut bahut aabhar ...
Comment by Veerendra Jain on May 6, 2011 at 11:14am
Arun ji...hardik aabhar... is rachna ko pasand karne ke liye...
Comment by sanjiv verma 'salil' on May 2, 2011 at 4:06pm
पैगाम लिए पंछी चल दिए सुबह को बुलाने ,

बांसुरी से गुजरती शीतल हवा कुछ गुनगुनाई

 

bahut khoob.

Comment by Abhinav Arun on April 29, 2011 at 7:15pm

वाह नए भाव नए मंज़र नया अंदाज़ इस रचना की दिल से तारीफ करता हूँ वीरेंद्र जी |

 

Comment by Veerendra Jain on April 29, 2011 at 12:28pm
Amitesh ji , Ganesh ji , Saurabh sir...rachna pasand karne ke liye bahut bahut dhanyawad...

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 28, 2011 at 2:01pm

सिमेण्ट और कंक्रीट के बेशऊर ऊसर में शीतल भोर, नरम ओस, सुहानी किरणों और गदबदाये पक्षियों की बातें मन-हृदय को नैसर्गिक ऊर्जा से भर देती हैं. आँचल के बेतकल्लुफ़ फहराने की कल्पना मात्र से अंतर में कुछ सरसराना नज़्म नहीं तो और क्या है..!! .. बहुत अच्छे.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 28, 2011 at 10:39am
कहीं दूर किसी छत पर एक आँचल है लहराया ,
ज़हन में ख्यालों की नज़्म सरसराई | 
सुंदर रचना , अंतिम दो पक्ति ज्यादा रुचिकर लगी , बधाई आपको |
Comment by अमि तेष on April 28, 2011 at 12:17am
ओस के कतरों से गीली पगडंडियों पर ,
झूलने लगी हरे पत्तों की काली परछाई |
bahut khub.....wah..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"जय हो.. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"    प्रस्तुति की सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीय मिथिलेश जी. सादर "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service