For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"रिपोर्ट्स  आ गईं  बहू ?''

"जी "

"इतना परेशान होने की ज़रुरत नहीं है I चार साल  ही तो हुए हैं शादी को I  लग कर इलाज करवाना , सब ठीक होगा I  नारी  की पूर्णता माँ बनने में ही है ,   ऐसी  दकियानूसी  बातें  मत सोचना I  तुम्हे  एक  मॉर्डन सास मिली है , भाग्यशाली हो तुम "I

"पर मेरी सारी रिपोर्ट्स नॉर्मल है , प्रॉब्लम इनकी रिपोर्ट्स में है "I

"क्या ? इसने भी करवाया था टेस्ट ?"

"हाँ , और  मै  भी  इन्हें ये ही समझा रही थी  कि  सब ठीक हो जायगा I  और ये भी समझाया कि  संतान नहीं पैदा  कर पाने का ये अर्थ थोड़ी है कि स्त्री या पुरुष की पूर्णता में कोई कमी है I  अब  आप  भी समझा देनाI" 

"क्या  चपड़  चपड़  बोले जा रही हो I  दूसरी  जगह  से  फिर से करवाउंगी  मैं  टेस्ट I  और  तुम ज्यादा मॉर्डन  बन रही हो ,  कुछ  लिहाज शर्म  है कि नहीं ?"

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 617

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by pratibha pande on July 23, 2015 at 1:14pm

कथा की तारीफ के लिए आपका आभार आ० जवाहरलाल सिंह जी 

Comment by pratibha pande on July 23, 2015 at 1:11pm

आ० तेज वीर सिंह जी , कथा पे आपका अनुमोदन मिला , मैं तहे दिल से आभारी हूँ 

Comment by pratibha pande on July 23, 2015 at 1:08pm

कथा पे की गई सार्थक टिपण्णी के लिए आपका आभार आ० वीरेंदर मेहता जी 

Comment by pratibha pande on July 23, 2015 at 1:04pm

आ० विनय कुमार जी , कथा की प्रशंसा के लिए आपका आभार 

Comment by pratibha pande on July 23, 2015 at 1:02pm

इंग्लिश की एक रचना की पंक्ति है women ,beware of women.  अगर सारी स्त्रियाँ  रिश्तों के मुखोटे उतार कर एक दूसरे की सच्ची मित्र बन जाएँ , तो शायद हमें बहुत सारी समस्याओं के लिए सड़कों पर झंडे लेकर नहीं उतरना पड़ेगा I कथा के अनुमोदन के लिए आपका आभार आ० राजेश कुमारी जी 

Comment by pratibha pande on July 23, 2015 at 12:54pm

कथा की सराहना  केलिए आभार प्राची सिंह जी 

Comment by pratibha pande on July 23, 2015 at 12:27pm

अपना बच्चा ,अपना खानदान , और इसी मानसिकता के चलते अति संपन्न  लोग भी बच्चे गोद नहीं लेते हैं , सरोगासी  का माध्यम अपनाते हैं I इतने विस्तृत ढंग से कथा पर अपने विचार रखने के लिए आपका आभार कांता जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 23, 2015 at 7:06am

परिवारों में बेटे और बहू के लिए मापदंड ही अलग होते हैं... 

कितना पीड़ादायक है एक समस्या की तरफ समस्या मात्र की तरह न देख कर उसे जेंडर से जोड़ कर देखना और भेदभाव पूर्ण आचरण करना.

मॉडर्न ख़याल भी पल भर में अपने आवरण को गिरा देते हैं, और सामने आता है वीभत्स रूप

प्रभावी कथानक , सार्थक प्रस्तुति

हात=रदिक बधाई आ० प्रतिभा जी  

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 22, 2015 at 10:33pm

आज की सोच पर बहुत अच्छी लघुकथा हुई है आदरणीया कान्ता रॉय के विचारों से भी सहमति!

Comment by maharshi tripathi on July 22, 2015 at 7:35pm

बहु  में कमी  हुई तो कोई टेस्ट नही  ,पर बेटे में कमी हुई तो फिर टेस्ट कराऊंगी  ,,,वाह रे मानसिकता  ,अच्छी  लघुकथा आ.pratibha pande जी |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post काश कहीं ऐसा हो जाता
"आदरणीय अमन सिन्हा जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर। ना तू मेरे बीन रह पाता…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
"आदरणीय दिनेश कुमार जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। इस शेर पर…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई। गौरैया के झुंड का, सुंदर सा संसार…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post यह धर्म युद्ध है
"आदरणीय अमन सिन्हा जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"वाह वाह वाह... क्या ही खूब शृंगार का रसास्वाद कराया है। बहुत बढ़िया दोहे हुए है। आखिरी दोहे ने तो…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Ashok Kumar Raktale's blog post कैसे खैर मनाएँ
"आदरणीय अशोक रक्ताले जी, बहुत शानदार गीत हुआ है। तल्ला और कल्ला ने मुग्ध कर दिया। जो पेड़ों को काटे…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"आपकी ज़िंदगी ओबीओ  मेरी भी आशिकी ओबीओ  इस समर में फले कुछ समर ऐ समर ये खुशी…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं। सादर।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति। हार्दिक बधाई। आख़री दोहे में  गोल गोल ये रोटियां,…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय सुशील सरना जी, मयखाने से बढ़िया दोहे लेकर आए हैं। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया दोहा छंद की प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। इस दोहे…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"वक्त / समय बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ ।। आदरणीय सुशील सरना…"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service