For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अभिव्यक्तियाँ

अभिव्यक्तियाँ

किस्से कहानी कविताएँ 

सब अभिव्यक्तियाँ जीवन की 

कहाँ तक साधू अपेक्षायें 

गुरुजन गुणीजन की ?

मन की बेकली है 

लिखने का प्रथम उदेश्शय 

हो जाऊ सफल जो मानकों

पर चलूँ /दूँ गहन संदेश |

बिन पथों से डिगे 

होंगी कैसे राहे प्रशस्त 

नव सृजन की ?

अलंकारों से छंदों को साधना 

क्या संकुचित बस यहीं तक 

साहित्य की आराधना 

अर्थ क्या रह जाएगा 

जो ना हो इनमें 

जीवन-तत्व अवशिष्ट |

राहों से इत्तर चले हैं कई दृष्टा 

नवज्योति जागृत कर कहलाए सृष्टा

क्या लाज़मी है ,सोचिए ,नवविधा को

कहना यूँ अपशिष्ट | 

Views: 415

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 8, 2015 at 4:24pm

आदरणीय सोमेश भाई , सारा जीवन सीखते और सीखते , और सीखे हुये  को अभिव्यक्त करने के प्रयास में बीत जाता है , फिर भी बहुत कुछ बचा ही रहता है , कहने के लिये । एक राह तू पकड चला चल , पा जायेगा मधुशाला । किसी एक विधा को पकड़िये जिसमे आप सबसे अधिक अभिव्यत कर सकते हैं । जब तक आप डायरी तक सीमित हैं किसी विधा की ज़रूरत नहीं है  पर बाहर आयेंगे तो किसी न किसी विधा की ज़रूरत तो होगी ही । और यहाँ तो हर विधा के जानकार हैं , बस आपको तय करना है क्या सीखना चाहते हैं । 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 8, 2015 at 12:26pm

सोमेश भाई, ऐसा लगता है अपने मन के भावों को उकेर दिया है आपने ,बधाई इस प्रस्तुति पर !

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 8, 2015 at 11:30am

सुंदर लिखा , आदरणीय सोमेश भाई जी. निरंतरता का नाम ही जीवन है, जो सकारात्मक होना चाहिए.

Comment by somesh kumar on March 6, 2015 at 11:11pm

गुरु तुम दीपक में तारा 

तुम जलो हरो अँधियारा 

मैं जलूँ जब हो अँधियारा |

गुरु जी तुम रस्ता में राही

तुमरे कारण मंजिल पाई |

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 6, 2015 at 11:20am

प्रिय सोमेश

मेरे अनुज i कुंठित हो गए -

कहाँ तक साधू अपेक्षायें 

गुरुजन गुणीजन की ? ------तपस्या में तपना तो पड़ता है  i तुम्हारे लेखन में कितना सुधार  आया है यह तुम्हे नहीं पता i  इतनी जल्दी जल्दी कहानी मत लिखो  i पहले प्लाट को अच्छी  तरह मन में गढ़ लो फिर लिखो i कहानी समाज को कुछ देती है i इसका ध्यान रखो i  तुम्हारी कहानियो से यह कविता कही अधिक  अच्छी है i मैं हतोत्साहित नहीं करता i मैं मार्ग दर्शन कर रहा हूँ i  सोचता हूँ एक कहानी मैं भी ब्लॉग में पोस्ट करूं  i ईश्वरेच्छा i  सस्नेह i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आग लगी है व्योम में, कहते कवि 'कल्याण' चहुँ दिशि बस अंगार हैं, किस विधि पाएं त्राण,किस…"
11 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"भाई लक्षमण जी एक अरसे बाद आपकी रचना पर आना हुआ और मन मुग्ध हो गया पर्यावरण के क्षरण पर…"
45 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"अभिवादन सादर।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रदत्त विषय को सार्थक करतीब हुत बढ़िया दोहावली की प्रस्तुति। इस…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आपने पर्यावरण के विभिन्न आयामों को सम्मिलित करते हुए एक बढ़िया प्रस्तुति दी…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रदत्त विषय पर बढ़िया कुंडलिया छंद हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी, प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। इस प्रस्तुति…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"धुंध गहरी और खाई दिख रही है  अब तरक्की में तबाही दिख रही है। बोझ से घायल हुआ सीना जमीं…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। रचना पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"सहर्ष सदर अभिवादन "
14 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, पर्यावरण विषय पर सुंदर सारगर्भित ग़ज़ल के लिए बधाई।"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कुमार जी, प्रदत्त विषय पर सुंदर सारगर्भित कुण्डलिया छंद के लिए बहुत बहुत बधाई।"
17 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service